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दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर, एसी से लेकर एनएचआरसी तक गंभीर

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नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर खराब हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर तक पहुंच गया है़ हवा की गुणवत्ता के तेजी से बिगड़ने की शुरुआत पिछले हफ्ते हुई. जहरीली होती हवा को कंट्रोल को करने के लिए सरकार कदम उठा रही है। आमतौर पर दिल्ली-एनसीआर की हवा बिगड़ने के लिए पराली को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी यानी रेड जोन में पहुंचते ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने तत्काल प्रभाव से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथा चरण लागू कर दिया। दिल्ली में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति पैदा हो गई है। अब ग्रेप के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के प्रविधान को लेकर भी सख्ती बरती जाएगी। सीएक्यूएम ने बुजुर्गों, बच्चों और सांस के मरीजों को अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है।
सीएक्यूएम की बैठक में सामने आया कि अभी अगले दो-तीन दिन वायु की गुणवत्ता गंभीर या बहुत गंभीर श्रेणी में रह सकती है। ऐसे में लोगों के मन में प्रश्न उठता है कि आखिर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण क्यो? प्रदूषण के लिए क्या उपाय किए जा रहे? दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कौन? इसका स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ रहा है? प्रदूषण से बचने का क्या है उपाय? आइए जानते हैं इन सभी प्रश्नों का जवाब़.़
केजरीवाल ने एलान किया कि कल से दिल्ली में प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे। कक्षा पांच से ऊपर की सभी कक्षाओं के लिए बाहरी गतिविधियों को भी बंद कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि अड-ईवन पर विचार कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर इसे लागू किया जाएगा। गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार के 50 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रम होम रहेंगे। दिल्ली में डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध रहेगा। केवल सीएनजी ट्रकों को इजाजत रहेगी। दिल्ली में केवल बीएस-6 गाड़ियों को एंट्री मिलेगी। दिल्ली के आरडब्ल्यूए के गार्डों को इलेक्ट्रिक हीटर दिल्ली सरकार प्रोवाइड करवाएगी। दिल्ली के मार्केट खुलने के और बंद होने के समय में भी बदलाव किया जाएगा। ऐसे हालात में भीड़भाड़ वाली जगहों और सड़कों पर पैदल चलने से बचें। अगर आपके साथ में बच्चा है तो उसे गोद लेकर चलें ताकि जमीन के जिस स्तर तक गाड़ियों का धुआं मौजूद है उसके असर से बच्चे को बचाया जा सके। अगर बाहर एक्सरसाइज करते हैं तो अलर्ट रहें। एक्सरसाइज करते समय यह भी चेक करें कि कहीं वो जगह सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में तो नहीं आती। इसके लिए एक्यूआई का स्तर देख सकते हैं। ऐसे दिनों में वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें क्योंकि हवा को दूषित करने में इनका बड़ा और अहम रोल है़ सीएसई की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया गया है। को न जलाएं क्योंकि इसका धुआं सीधे तौर पर आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है और पर्यावरण को भी।
सेंटर फर साइंस एंड एंनवयर्नमेंट की रिपोर्ट कहती है, दिल्ली की हवा बिगड़ने के लिए वाहनों से निकला धुआं सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब दिल्ली-एनसीआर की हवा अपने बुरे स्तर तक पहुंच गई है। 21 अक्टूबर से 26 अक्टूबर के बीच हुई एनालिसिस कहती है, कार और दूसरे वाहनों के लिए दिल्ली च्ड 2़5 का आंकड़ा 51 प्रतिशत तक बढ़ गया।
पंजाब और हरियाणा समेत पड़ोसी राज्यों में जलाई जाने वाली पराली का असर दिल्ली-एनसीआर की दूषित होती हवा में दिखाई दे रहा है। दिल्ली-एनसीआर के हालात 1 से 15 नवंबर के बीच तेजी से बिगड़ते हैं क्योंकि इस दौरान पराली को जलाने के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं। सिस्टम अफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फरकास्टिंग एंड रिसर्च की रिपोर्ट कहती है, इसके कारण दूषित हवा में मौजूद नुकसान पहुंचाने वाले बारीक कणों का दायरा बढ़ता है। पराली के कारण बुधवार को पीएम 2़5 का आंकड़ा 38 प्रतिशत और गुरुवार को 32 प्रतिशत रहा।
हवा बिगड़ने की तीसरी वजह है, कंस्ट्रक्शन और भवनों को तोड़ने से जुड़ी गतिविधियां़ यहां से निकलने वाले धूल के बारीक कण हवा की गुणवत्ता को बिगाड़ रहे हैं। इसके अलावा हट मिक्स प्लांट्स और क्रशर्स हवा को दूषित करने का काम कर रहे हैं। मौसम का असर भी हालात को बिगाड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि, तेज हवाओं के न चलने से स्मोक अपनी जगह पर टिकी हुई है। हवा चलने पर हालात में सुधार होता है, लेकिन ऐसा न होने पर वर्तमान में जो हालात हैं उसका असर लम्बे समय तक दिख सकता है।
रिपोर्ट कहती है, पटाखे सर्दी की शुरुआत में दिल्ली में हवा की गुणवत्ता को बिगाड़ने का काम करते हैं, लेकिन इस साल दिल्ली में पटाखों पर बैन रहा है, इसलिए पिछले सालों की तुलना में दूषित हवा से इनका कनेक्शन बड़ा मुद्दा नहीं बना है।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण पर ।प्प्डै के पूर्व निदेशक ड़रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्रदूषण से लोगों की मृत्यु हो रही हैं और जीवन स्तर कम हो रहा है। ।प्प्डै में वायु प्रदूषण बढ़ते ही सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चों पर भी इसका बुरा असर होता है। बच्चे, बुजुर्ग, जिनके के फेफड़े और हार्ट कमजोर हैं उनको ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए जहां प्रदूषण ज्यादा है। जाना है तो दिन में जाएं जब धूप निकल गई हो और मास्क लगा कर जाएं। वायु प्रदूषण को हम एक साइलेंट किलर कह सकते हैं।
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर भाजपा ने आम आदमी पार्टी (पर हमला बोला है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की नीयत में ही प्रदूषण है, खोट है। इसी कारण से आज दिल्ली भ्रष्टाचार के प्रदूषण से मारी हुई है। अभी कुछ दिन पहले दिल्ली में एक्साइज प्रदूषण हुआ था। इसके बाद सुकेश चंद्रशेखर नामक ठग से आम आदमी पार्टी ने ठग लिया था।

 

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