पुलिस ने किया भर्ती परीक्षाओं में धांधली कराने वाले मध्य प्रदेश के गिरोह का पर्दाफाश
एसएसबी की भर्ती परीक्षा में फर्जी मुन्नाभाई बनकर शामिल होने वाला फरार आरोपी गिरफ्तार
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : पौड़ी पुलिस ने सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वाले मध्य प्रदेश के गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने एसएसबी की भर्ती परीक्षा में फर्जी मुन्नाभाई बनकर शामिल होने वाले फरार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी ने बताया कि उपरोक्त अभियोग में पुलिस द्वारा गम्भीरता से जांच की जा रही है व अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम प्रयासरत है। अभियुक्तों के अन्य आपराधिक इतिहास व अन्य फर्जीवाड़ों की भी विस्तृत जांच की जा रही है।
एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि गत 22 अप्रैल 2024 को वादी आशीष कुमार कमांडेन्ट केन्द्रीयकृत प्रशिक्षण केन्द्र एसएसबी श्रीनगर गढ़वाल ने कोतवाली श्रीनगर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि रामबृज पुत्र रामसेवक निवासी ग्राम बीच का पुरा, तहसील व थाना अम्बाह, जिला मुरैना मध्य प्रदेश ने एसएसबी द्वारा आयोजित परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों व फर्जी फोटो, थम इम्प्रेशन आदि का प्रयोग करते हुये फर्जी अभ्यर्थी बनकर धोखाधडी की है। इस प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर तत्काल कोतवाली श्रीनगर में आईपीसी की धारा 419/420/467/468/471 भादवि पंजीकृत किया गया। एसएसपी ने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार श्रीमती जया बलोनी के निर्देशन, क्षेत्राधिकारी सर्किल श्रीनगर आरके चमोली के पर्यवेक्षण, प्रभारी निरीक्षक श्रीनगर के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा अभियुक्त रामबृज पुत्र रामसेवक निवासी ग्राम बीच का पुरा, तहसील व थाना अम्बाह, जिला मुरैना मध्य प्रदेश को 22 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। एसएसपी ने बताया कि विवेचना के दौरान प्रकाश में आया कि अभियुक्त रामबृज व उसका छोटा भाई विकास व उसके अन्य साथी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में उचित रकम लेकर फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरे अभ्यार्थियों की जगह परीक्षा में सम्मिलित होकर धोखाधड़ी करते है। पुलिस टीम द्वारा फरार अभियुक्त विकास को गत बुधवार देर सांय श्रीनगर से गिरफ्तार कर मा. न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
बॉक्स समाचार
आरोपी कई अभ्यर्थियों को पास करा चुके है परीक्षा
पौड़ी : एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि पुलिस पूछताछ में अभियुक्त रामबृज पुत्र रामसेवक ने बताया कि वर्ष 2020 में वह भारतीय सेना की 27 राजपूत रेजमेंट में भर्ती हो गया था और उसे मोबाइल पर सट्टा व जुआ खेलने की आदत हो गयी थी जिस कारण उसके ऊपर काफी लोगों का कर्जा हो गया था, जिस कारण वह वर्ष 2022 में आर्मी की नौकरी छोड़कर घर आ गया था। अभियुक्त व उसका छोटा भाई विकास अपने साथियों के साथ मिलकर सरकारी नौकरी हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें शारीरिक व लिखित परीक्षा में पास कराने का ठेका लेते थे एवं अभियुक्त रामबृज अभ्यर्थियों के बदले फिजिकल परीक्षा देता था और उसका छोटा भाई विकास व उसके दोस्त प्रतियोगी परीक्षा की लिखित परीक्षाओं में अभ्यर्थी के बदले परीक्षा देते थे एवं उनके अन्य फर्जी आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास एवं एडमिट कार्ड पर एडिटिंग कर फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करते थे। अभियुक्तों द्वारा अभी तक कई अभ्यर्थियों से लाखों रूपये लेकर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराया गया है। 22 अप्रैल 2024 को स्किल टेस्ट व मेडिकल के दौरान एसएसबी के द्वारा हमें फर्जीवाड़ा करते हुये पकड़ लिया गया।