उत्तराखंड

निर्मल अखाड़े पर कब्जे के प्रयास को पुलिस ने किया विफल

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अखाड़े की संपत्ति खुर्दबुर्द करने के प्रयासों में लगे असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाए-कोठारी महंत जसविन्दर सिंह
हरिद्वार। कनखल चौक बाजार स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल पर कब्जा करने के प्रयास को पुलिस ने विफल कर दिया। पंजाब से एक संत की अस्थियां प्रवाह करने हरिद्वार आए कश्मीर सिंह भूरी वाले गुट के संत पूजा पाठ के बहाने अखाड़े में घुस आए। अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज एवं कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने इसकी सूचना पुुलिस को दी। सूचना पर एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, सीओ सिटी मनोज ठाकुर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। विवाद को देखते हुए अधिकारियों ने नगर कोतवाली पुलिस को भी मौके पर बुला लिया। सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश सिंह भी अखाड़े पहुंच गए और अखाड़े में घुस आए संतों को समझाने का प्रयास किया। जब संत अखाड़े से बाहर जाने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए संतों को बाहर निकाला।
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल को लेकर अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह व कश्मीर सिंह भूरी वाले गुट के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। बृहष्पतिवार को कश्मीर सिंह भूरी वाले गुट के रेशम सिंह भूरी वाले, बाबा प्रेमसिंह, जगतार सिंह, कमलजीत सिंह, महंत गोपाल सिंह, संत भूपेंद्र सिंह, चमकोर सिंह, सतनाम सिंह, बहार सिंह आदि संत पंजाब से एक दिवंगत संत की अस्थियां प्रवाह करने के लिए हरिद्वार आए थे। अस्थि प्रवाह के लिए सती घाट जाते समय सभी अखाड़े में घुस गए। महंत मोहन सिंह, महंत जगजीत सिंह भी पंजाब से आए संतों के साथ थे। सैकड़ों लोगों के साथ विरोधी गुट के संतों को अखाड़े में घुसा देख अखाड़े के संतों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंचे पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने बलपूर्वक सभी को अखाड़े से बाहर निकाला।
कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि कश्मीर सिंह भूरी वाले गुट द्वारा लंबे समय से अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने की नीयत से जबरन कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। बृहष्पतिवार की सवेरे अस्थि विसर्जन के बहाने सौ से भी अधिक लोगों को लेकर कुछ संत जबरन अखाड़े में घुस आए। जिससे अखाड़े में भय फैल गया। महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि अखाडे का अपना बयलज है। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज अखाड़े के अध्यक्ष हैं। जो संत अखाड़े पर कब्जा करना चाहते हैं। उनका अखाड़े से कोई संबंध नहीं है। अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने के लिए बिना वजह विवाद खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विरोधी गुट के बाबा प्रेमसिंह ने अखाड़े की एक्कड कलां शाखा पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। जिसे तत्कालीन अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरी महाराज, संत समाज व पुलिस प्रशासन के सहयोग से नाकाम कर दिया गया था। अब फिर से नए सिरे से विवाद खड़ा किया जा रहा है। अखाड़े पर जबरन कब्जे व अखाड़े की संपत्ति को खुर्द बुर्द करने को लेकर बाबा प्रेमसिंह सहित कई संतों पर मुकद्मे दर्ज हैं। पुलिस प्रशासन से अखाड़े की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि अवैध कब्जे का प्रयास करने वाले सभी संतों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि इस पूरे मामले को अखाड़ा परिषद के समक्ष रखा जाएगा। साथ ही अखाड़ा परिषद के संतों के साथ मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक से मिलकर अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने के प्रयासों में लगे असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।
इस दौरान अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज, महामंडलेश्वर महंत रूपेंद्र प्रकाश, कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज, महंत अमनदीप सिंह, महंत अरूण दास, संत हरदेव सिंह, संत बलवीर सिंह, महंत खेम सिंह, संत निर्मल सिंह शास्त्री, संत हरदेव सिंह, महंत गुरप्रीत सिंह, संत निक्कुदास उदासीन, महंत मोहनदेव सिंह, संत गोपाल हरि, संत हरि सिंह आदि मौजूद रहे।

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