उत्तराखंड

पुलिस ने किया महिला पर्यटक की हत्या का खुलासा

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-पुराने प्रेमी का मैसेज बना था दीक्षा की मौत का कारण
नैनीताल। नोएडा की महिला पर्यटक दीक्षा मिश्रा की हत्या का खुलासा बुधवार को नैनीताल पुलिस ने कर दिया। एसपी क्राइम देवेंद्र पींचा ने बुधवार को मल्लीताल कोतवाली में पत्रकार वार्ता कर हत्याकांड का खुलासा किया। पुलिस के अनुसार हत्या वाली रात दीक्षा के मोबाइल पर उसके पुराने साथी का मैसेज आया था। उसे लेकर दीक्षा व इमरान के बीच झगड़ा हो गया। इस दौरान दीक्षा ने इमरान से गालीगलौच करते हुए काफी कुछ कह दिया। इससे गुस्साए इमरान ने दीक्षा की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस पूछताछ में इमरान ने बताया कि दीक्षा उसके साथ दो साल से लिव-इन में रहने के बावजूद पुराने साथी से बात करती थी। इसे लेकर बीते ढाई माह से उन दोनों के बीच अनबन चल रही थी। वह दीक्षा का मूड ठीक करने के लिए ही उसे नैनीताल लाया था। पुलिस ने इमरान का मेडिकल कराने के बाद उसे न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पुलिस के अनुसार इमरान ने करीब एक साल पहले प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू किया था। दीक्षा भी एक कंपनी में प्रॉपर्टी से जुड़ा काम करती थी। काम के सिलसिले में ही दोनों की पहली मुलाकत हुई। इसके बाद दोनों लगातार मिलने लगे। दीक्षा जिस कॉलोनी में रहती थी वहां अधिकतर हिंदू समुदाय के लोग रहते थे। जिस कारण दीक्षा के कहने पर ही इमरान ने अपना नाम बदलकर ऋषभ तिवारी रख लिया था। दीक्षा के परिजन और कॉलोनी के ज्यादातर लोग इमरान को ऋषभ नाम से ही जानते थे। हालांकि दीक्षा के कुछ दोस्तों को इमरान के बारे में पहले से पता था। ऐसे में पुलिस लव जिहाद के एंगल को नकार रही है।

इमरान ने बताया दीक्षा की शादी 2008 में हुई और 2012 में वह अपने पति से अलग रहने लगी। जिसके बाद उसकी मुलाकात सुरेंद्र यादव से हुई। जिसके साथ दीक्षा लंबे समय तक लिव-इन रिलेशन में रही। कुछ समय बाद दीक्षा की सुरेंद्र से अनबन हो गयी और दोनों अलग हो गए। इसके बाद कुछ समय तक एक अन्य युवक के संपर्क में रही। 2018 में दीक्षा और इमरान की मुलाकात हुई। करीब दो साल पहले इमरान का परिवार से विवाद हो गया। उसके बाद से वह दीक्षा के साथ ही रह रहा था। इमरान ने पुलिस को बताया कि बीते कुछ समय से दीक्षा का स्वभाव बदला हुआ लग रहा था। घटना वाले दिन भी दीक्षा ने शराब के नशे में उससे झगड़ा किया था।

हत्या के बाद इमरान दीक्षा का मोबाइल फोन लेकर फरार हो गया। इसके पीछे उसका उद्देश्य अपनी लोकेशन जाहिर नहीं करना था। भागने के बाद उसने अपना फोन बंद कर दिया और दीक्षा के फोन से ही अपने परिचितों और अन्य संबंधियों को फोन कर मदद मांगी। इमरान की कोशिश थी कि वह पुलिस से बचने के लिए विदेश भाग जाए। उससे पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसका पासपोर्ट भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।

पुलिस हिरासत में आरोपी पर हमला: इमरान को बुधवार दोपहर जब पुलिसकर्मी न्यायालय में पेश करने जा रहे थे तब कोतवाली में जमा भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस हिरासत में ही उस पर हमला कर दिया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इमरान को थप्पड़ मारे। इस पर पुलिस इमरान को कोतवाली में अंदर ले आई। दोबारा इमरान को बाहर लाया गया तब भी उस पर हमले का प्रयास हुआ। इसके बाद पुलिस किसी तरह से बचाकर उसे कोतवाली से ले गई। हैरानी की बात है कि आरोपी इमरान पर हमले की जानकारी होने के बावजूद पुलिस कर्मी उसे जमा लोगों के बीच से ही ले गए। इस मामले में पुलिस ने भी किसी हमलावर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।

पुलिस टीम ने तेजी से इस मामले का खुलासा कर आरोपी को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपी इमरान ने हत्या की बात कबूली है। मामले में लव जिहाद की बात साबित नहीं हुई है। – देवेंद्र पींचा, एसपी सिटी नैनीताल।

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