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पुल की सुरक्षा को लेकर पैन्युली ने उठाये सवाल

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-चायनीज फसाड लाइटों को फिजुलखर्ची
नई टिहरी। डोबरा-चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली ने 14 वर्षों तक 300 करोड़ की लागत से बने डोबरा-चांठी पुल की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाये हैं। उन्होंने पुल पर पौने तीन करोड़ की लागत से लगाई गई चायनीज फसाड लाइटों को फिजुलखर्ची बताया। पुल के लंबे समय तक संचालन व पुल के लिए नाबार्ड से लिये गये डेढ़ सौ करोड़ के ऋण की अदायगी को लेकर सरकार से रूख स्पष्ट करने को कहा है।
सीए पैन्युली ने कहा कि डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण तो सरकार ने कर दिया लेकिन चतुराई से पुल से जुड़ी तमाम तकनीकी सवालों से जुड़ी कमिश्नर स्तर की जांच रिपोर्ट को दर किनार कर दिया है। सरकार लंबे समय तक पुल के संचालन के व्यवहारिक पक्ष से जुड़े सवालों को लेकर भी मौन बनी हुई है। उन्होंने पुल की सुरक्षा जांच तीसरे पक्ष न करवाने पर सवाल उठाये। चायनीज सामान की बिक्री को हतोत्साहित करने के दौर में पुल पर पौने तीन करोड़ की लागत से लगाई चायनीज फसाड लाइटिंग को फिजूलखर्ची बताते हुये कहा कि पौने तीन करोड़ से प्रतापनगर के क्षेत्रवासियों को सालों तक निशुल्क बिजली दी जा सकती थी। उन्होंने कमिश्नर स्तर की जांच कर दोषी इंजीनियरों के खिलाफ जांच की मांग की। साथ ही कहा कि नाबार्ड से पुल बनाने को लिया गया डेढ़ सौ करोड़ के ऋण का बोझ स्थानीय जनता पर न डाला जाय। पुल पर टोल टैक्स न लगाया जाय।

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