रेबीज के टीके लगाने के लिए लगानी पड़ रही 15 किमी. की दौड़
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दुगड्डा में रेबीज के टीके पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने के लिए मरीजों को टीका लगाने के लिए 15 किलोमीटर दूर राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार जाना पड़ रहा है। जिस कारण लोगों को परेशानी के साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
नगर पालिका परिषद दुगड्डा के सभासद दीपक ध्यानी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी गढ़वाल को भेजे ज्ञापन में कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दुगड्डा में रेबीज के टीके हेतु जिला मुख्यालय से सीमित मात्रा में वितरित हो रहे है। दुगड्डा स्वास्थ्य केन्द्र में कुत्ते व बंदर के काटने वाले मरीजों को एक ही टीका लगाया जा रहा है, जबकि मरीजों को चार टीके लगाये जाते है। तीन टीके लगाने के लिए मरीज को 15 किमी. दूर बेस अस्पताल कोटद्वार जाना पड़ रहा है या स्वयं बाजार से खरीदकर टीका लगवाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल व निर्धन व्यक्तियों को मध्यनजर रखते हुए उचित टीको की व्यवस्था व सभी टीको को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दुगड्डा में ही लगाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दुगड्डा के प्रभारी को निर्देशित करने की मांग की है।
बता दें कि कुत्ते या बंदर के काटन पर एंटी रेबीज का टीका लगवाना ही एक मात्र उपाय है। अगर कुत्ते में एंटी रेबीज एक्टिव है और वो किसी को काट लेता है तो 10 दिन के अंदर मर जाएगा। कुत्ते के दिमाग में रेबीज संक्रमण होता है फिर थूक की ग्रंथी में पहुंचता है। ऐसे में जब भी कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है तो व्यक्ति में रेबीज का संक्रमण हो जाता है। एक मरीज को अगर कुत्ता या बंदर काट लेता है तो उसे उसी समय एंटी रेबीज टीका लगवाना चाहिए। अगर किसी कारण नहीं लगवाया गया तो 72 घंटे में हर हाल में एंटी रेबीज टीका लग जाना चाहिए।