मणिपुर हिंसा पर तपा सदन, राहुल गांधी ने छोड़े तीखे तीर, स्मृति ईरानी ने याद दिलाया इतिहास
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के लाए गए प्रस्ताव दूसरे दिन चर्चा का दौर जारी है। सदस्यता बहाल होने के बाद सदन में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर खूब प्रहार किया। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर नहीं गए, जबकि मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा था। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि आपके लिए मणिपुर भारत में नहीं है। मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की गई, लेकिन आप ने मणिपुर के दो टुकड़े कर दिए। मैं मणिपुर के राहत शिविरों में गया हूं, वहां के हालात देखे। वहां एक महिला ने बताया कि मेरा एक ही बेटा था, लेकिन उसे मेरी आंखों के सामने गोली मारी गई। राहुल के इस बयान पर सत्तापक्ष ने हंगामा कर दिया।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मणिपुर में 7 दशक में जो हुआ, उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, राहुल गांधी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इनका इतिहास खून से सना है। जिन लोगों की हत्या हुई, वे इन लोगों को न्याय के कटघरे में नहीं ला सके। इसलिए मैं उनका जिक्र सदन में कर रही हूं। ये लोग चाहते हैं कि मणिपुर में चर्चा हो। हमारे नेताओं ने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं। भागे ये, हम नहीं। भागने के पीछे क्या कारण था। स्मृति ईरानी ने कहा कि ये लोग मौन थे, कई चीजों पर आज भी मौन हैं। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट कहती है कि इनके क्रप्शन की वजह से जीडीपी पर 9 प्रतिशत असर होगा। यूपीए की सरकार को 2005 में ये ज्ञात हो गया था कि खुले में शौच होने की वजह से महिलाओं का रेप हो रहा है। फिर भी ये चुप थे।