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राहुल गांधी ने की राज्यपाल से मुलाकात, उठाया ये अहम मुद्दा, सीएम ने इस्तीफे की अटकलों को किया खारिज

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इंफाल , एजेंसी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा किया और इसके बाद राज्यपाल से भी मुलाकात की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मणिपुर को शांति की जरूरत है। मैं राहत शिविर में गया और हर समुदाय के लोगों से मिला। राहत शिविरों में दवाई, खाने की कमी है जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। मेरी मणिपुर के हर व्यक्ति से अपील है कि शांति बनाए रखें। मैं यहां मौजूद हूं और जो शांति कि लिए कर सकता हूं वह करूंगा।
मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह फिलहाल अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने ट्वीट कर अपने इस फैसले का एलान किया। इससे पहले अटकलें थीं कि वे राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करेंगे और अपना इस्तीफा सौंपेंगे। अटकलें यह भी लगाई जा रही थीं कि केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है। अब सीएम के एलान के साथ ही उनके इस्तीफे की अटकलों पर विराम लग गया है।
सीएम एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की अटकलों के बाद भारी संख्या में मणिपुर की राजधानी इंफाल में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। राजभवन और सीएम आवास बीच लोगों की भारी भीड़ सड़कों पर जमा हो गई है और लोग लगातार एन बीरेन सिंह के समर्थन में नारेबाजी करने लगे और उनसे इस्तीफा ना देने की अपील करने लगे। वहीं राज्य के हालात पर भारतीय सेना, असम राइफल्स, बीएसएफ के उच्चाधिकारियों की अपने अपने स्तर पर बैठक चल रही है।
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह मुश्किलों में घिरे हुए हैं। राज्य के नौ विधायकों ने भी बीते दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम मोदी के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। विधायकों ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार जनता के बीच अपना भरोसा खो चुके हैं। एन बीरेन सिंह पर आदिवासी विरोधी एजेंडे को बढ़ाने के आरोप लग रहे हैं। बीते दिनों जब केंद्र सरकार ने मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए शांति समिति गठित की थी तो उसमें भी शामिल किए गए कई लोगों ने एन बीरेन सिंह के नेतृत्व के खिलाफ असंतोष जाहिर किया था और मुख्यमंत्री को शांति समिति में शामिल करने का विरोध किया था।
मणिपुर में मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसके खिलाफ बीती तीन मई को हिंसा भड़की थी और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। हजारों लोगों को हिंसा की वजह से विस्थापन झेलना पड़ा है और राज्य की कानून व्यवस्था बेपटरी हो गई है। केंद्र सरकार ने मणिपुर में जारी हिंसा पर बीते दिनों सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी और राजनीतिक पार्टियां भी मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रही हैं। केंद्र सरकार की कई कोशिशों के बाद भी राज्य में शांति व्यवस्था बहाल नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग उठ रही थी और अब जब सीएम राज्यपाल से मुलाकात करने जा रहे हैं तो उनके इस्तीफे की अटकलों को बल मिल गया है।
मीडिया को जारी लिखित बयान में विनय रतन सिंह ने आरोप लगाया है कि चंद्रशेखर पर हुआ हमला सुनियोजित जानलेवा हमला है, जिससे देशभर में चंद्रशेखर के समर्थकों में आक्रोश है। उन्होंने बताया कि चंद्रशेखर कई बार सहारनपुर एसएसपी, डीजीपी और मुख्यमंत्री को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजकर सुरक्षा की मांग कर चुके हैं, लेकिन उनकी मांग को अनदेखा किया जाता रहा है। शासन और प्रशासन के शिथिल रवैये के कारण ही घटना हुई है। उनका आरोप है कि जिला प्रशासन ने अब भी घटना को गंभीरता से नहीं लिया है। घटना भाजपा सरकार, स्थानीय थानाध्यक्ष, एलआईयू व खुफिया विभाग की विफलता का परिणाम है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कानून व्यवस्था बनाने में भाजपा सरकार नाकाम साबित हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकार पर जाति और मजहब के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

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