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राजपथ पर दिखी भारत की ताकत व संस्कृति की झलक, राफेल रहा मुख्य आकर्षण

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नई दिल्ली,एजेंसी। देश पूरे उमंग और उत्साह के साथ आज 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस अवसर पर राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में देश की सैन्य ताकत के साथ ही सांस्तिक विरासत की झलक देखने को मिली। परेड के मुख्य आकर्षण का केंद्र राफेल लड़ाकू विमान रहा। इसके अलावा बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी ने पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान भावना कांत गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनी।
झांकी में कोरोना वैक्सीन के साथ-साथ राम मंदिर की झलक भी देखने को मिली। कोरोना के मद्देनजर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए यह आयोजन हुआ। इसके चलते केवल 25,000 लोगों को राजपथ पर समारोह देखने आ सके। आम तौर पर हर साल होने वाले इस आयोजन में एक लाख से अधिक दर्शक शामिल होते हैं। परेड की लंबाई भी छोटी रही लाल किले तक मार्च करने के बजाय राष्ट्रीय स्टेडियम में परेड का समापन हुआ। मोटरसाइकिल स्टंट भी देखने को नहीं मिला।
परंपरा के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजपथ पहुंचकर तिरंगा फहराया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ और 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद परेड की शुरुआत हुई। बता दें कि इस बार परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं था। कोरोना महामारी के कारण ब्रिटिश पीएम बोरिस जनसन ने अपनी यात्रा रद कर दी। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में भी गणतंत्र दिवस परेड के लिए कोई मुख्य अतिथि नहीं था।
राफेल विमान के फ्लाईपास्ट से परेड का समापन हुआ। इसने आसमान में 900 किमी घंटा की रफ्तार से वर्टिकल चर्ली का फर्मेशन किया। इसे शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने उड़ाया। उनके साथ 17 स्कवाड्रन के कामंडिंग अफिसर स्कवाड्रन लीडर किसलयकांत मौजूद रहे। इससे पहल राफेल ने एकलव्य फर्मेशन की अगुवाई की। राफेल के साथ दो जगुआर, दो मिग-29 लड़ाकू विमान हैं। इस फर्मेशन का नेतृत्व 17 स्क्वाड्रन के कैप्टन रोहित कटारिया ने की। विमानों ने 780 किमीध् प्रति घंटा की रफ्तार से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरी।
फ्लाइ पास्ट की शुरुआत एक डकोटा वायुयान, दो एमआई-17 हेलिकप्टरों के रूद्र फरमेशन के साथ हुई। बता दें कि 1947 में शत्रुओं को सीमा से बाहर खदेड़ने में इसने बड़ी भूमिका निभाई थी। फ्रांस में निर्मित मल्टीरोल राफेल लड़ाकू जेट विमानों को पिछले साल 10 सितंबर को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। मंगलवार को फ्लाईपास्ट में भारतीय वायुसेना के कुल 38 आईएएफ विमानों और चार विमानों ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्घ स्मारक पहुंचकर देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्घांजलि अर्पित की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां उनका स्वागत किया। इसके बाद वह राजपथ पहुंचे और परेड का गवाह बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी आज । इस तरह की पहली पगड़ी पीएम को जामनगर के शाही परिवार ने उपहार में दी थी। उन्होंने इंडिया गेट पर नेशनल वर मेमोरियल में सेरेमोनियल बुक पर हस्ताक्षर किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ अफ डिदेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत , चीफ अफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाने और चीफ अफ नेवी स्टाफ एममिरल करमबीर सिंह भी मौजूद रहे।
आत्मनिर्भर भारत अभियान थीम के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने अपनी झांकी में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से कोरोना वैक्सीन की विकास की प्रक्रिया को दर्शाया। सशस्त्र बलों की झांकी के अलावा, 17 झांकियां विभिन्न राज्यों ने प्रस्तुत की। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों,विभागों की नौ झांकियां और अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालय की छह झांकियों ने लोगों का मन मोहा।
पंजाब की झांकी में 9 वें सिख गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर की महिमा को दर्शाई गई। झांकी की थीम श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती थी। राजपथ पर उत्तराखंड की झांकी में केदारनाथ मंदिर व राज्य पशु-कस्तूरी मृग की झलक देखने का मिली। उत्तर प्रदेश की सांस्तिक विरासत की थीम पर बनाई गई उत्तर प्रदेश की झांकी में राम मंदिर की झलक दिखाई दी। इसमें अयोध्या का दिपोत्सव भी दिखाया गया। राजपथ पर गुजरात राज्य की झांकी में मोढेरा के सूर्य मंदिर को दर्शाया गया। गणतंत्र दिवस परेड में सांस्कृतिक झांकियों के प्रदर्शन में लद्दाख सबसे आगे रहा। यह इस केंद्र शासित प्रदेश की पहली झांकी है। इसमें लद्दाख की संस्ति और सांप्रदायिक सद्भाव को दर्शाया गया। झांकी की थीम-भविष्य का विजन है। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर 841 रकेट रेजिमेंट (पिनाका) के पिनाका मल्टी लन्चर रकेट सिस्टम का नेतृत्व कैप्टन विभोर गुलाटी ने किया।

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