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राशिसं ने किया शिक्षकों के बीच प्रतियोगिता कराने का विरोध

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चम्पावत। राजकीय शिक्षक संघ ने कला और संगीत विषयों के शिक्षकों के बीच प्रतियोगिता कराने का विरोध किया है। संगठन का कहना है कि एक ओर सरकार एक फरवरी से स्कूल संचालन की बात कर रही है। वहीं एक से 17 फरवरी का शिक्षकों की प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है। कहना है कि इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ेगा। राजकीय शिक्षक संघ की जिला इकाई ने प्रांतीय और मंडल कार्यकारिणी को पत्र भेजा है। जिलाध्यक्ष पान सिंह मेहता का कहना है कि कोरोना काल में छात्र छात्राओं की पढ़ाई चौपट हो चुकी है। बताया कि सरकार अब एक फरवरी से स्कूल संचालन का मन बना रही है। वहीं दूसरी ओर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की तरफ से कला और संगीत शिक्षकों के बीच प्रतियोगिता कराने के आदेश जारी हुए हैं। जिलाध्यक्ष का कहना है कि स्कूल खुलने के बाद बोर्ड और गृह परीक्षा आदि की तैयारी करनी है। ऐसे में कला और संगीत शिक्षकों की प्रतियोगिता कराने से छात्र छात्राओं की पढ़ाई और शिक्षणेत्तर गतिविधियों पर असर पड़ेगा। उनका ये भी कहना है कि प्रतियोगिता शिक्षकों के बीच ना करा कर छात्र छात्राओं के बीच आयोजित की जानी चाहिए। इससे छात्र छात्राओं का ज्ञानवर्धन भी होता। उन्होंने छात्र हितों को देखते हुए शिक्षकों के बीच प्रस्तावित प्रतियोगिताओं को शीघ्र रद्द करने की मांग की है।

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