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रि प्रपोज यूज़ कुकिंग ऑयल कार्यक्रम आयोजित

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ऋषिकेश। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कार्यक्रम आयोजित कर होटल और रेस्टोरेंट व्यवसायियों को जागरूक किया। विशेषज्ञों ने फ्राइड फूड आइटम को तैयार करने वाले तेल को बार-बार गर्म करने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। रविवार को तपोवन में फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से ‘रि प्रपोज यूज़ कुकिंग ऑयल कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनिकीरेती पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने किया। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा के प्रति सभी को जागरूक होना चाहिए। सीनियर फूड सेफ्टी ऑफिसर एफडीए पीसी जोशी ने कहा कि फ्राइड फूड आइटम को तैयार करने में तेल को बार-बार गर्म कर और उसका कई बार इस्तेमाल होने से तेल का पोलर कंपाउंड चेंज होता है। इससे तेल में ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी लिमिट रेगुलेट कर 25 पीपीएम निर्धारित की गई है। इसलिए अधिक पोलर कंपाउंड युक्त कुकिंग ऑयल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है। इससे हार्ट अटैक अल्जाइमर आदि बीमारियों का खतरा रहता है। यदि यह तेल नाली या खुले में गिराया जाता है, तो वह पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। ऐसे तेल को खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम तहत प्रतिबंधित किया गया है। इस प्रकार के तेल को संस्था द्वारा अधिकृत एग्रीगेटर के माध्यम से 20 रुपये प्रति लीटर की दर से क्रय किया जाएगा। इसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पैट्रोलियम देहरादून के द्वारा यूज्ड कुकिंग ऑयल को बायोडीजल में कन्वर्ट किया जाएगा और उसे बायोफ्यूल के रूप में मोटर वाहन चलाने में उसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

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