काव्यसंग्रह का किया विमोचन
जयन्त प्रतिनिधि
कोटद्वार। अंर्तराष्टीय संस्था हिंदी साहित्य भारती व साहित्यिक संस्था की ओर से राइंका नौगांवखाल के हिंदी प्रवक्ता की ओर से रचित काव्यसंग्रह ऐ वतन व मै शैली की आवाज मुखर हूँ का विमोचन किया गया।
बुधवार को शिब्बूनगर में विमोचन समारोह का वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीराधाकृष्ण धाम हरिद्वार के संस्थापक सत्यपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि दोनों पुस्तकें युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य करेंगी। एसोसिएट प्रोफेसर डा. कविता भट्ट ने कहा कि उनका पहला काव्यसंग्रह राष्ट्र प्रहरियों सैनिकों को समर्पित है, जिसमें यथार्थ राष्ट्रवाद स्पष्ट दिखाई पड़ता है। साहित्यिक मंच के अध्यक्ष सत्यप्रकाश थपलियाल ने साहित्य को समाज की धुरी बताया। प्रकाश कोठारी ने कहा कि ये दोनों काव्य संग्रह निश्चित ही कवि को नई ऊंचाई प्रदान कर समाज के लिए नवजागरण का काम करेंगे। इस दौरान डॉ. रितु सिंह ने अपनी स्वरचित रचना चले आओ पहाड़ों की प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर धाद के अध्यक्ष पंकज ध्यानी, दिनेश बलूनी, हरि सिंह भंडारी, पुष्कर सिंह नेगी, राजेश खत्री, प्रकाश केष्टवाल, सोहन बलूनी, विकास देवरानी, सोमप्रकाश कंडवाल, डॉ. विश्वक्सेन, प्रमोद बलूनी, डॉ.मंजू कपरवाण, चंचल बलूनी,जशोदा बुड़ाकोटी, जर्नादन बुड़ाकोटी, रमा तोमर, मोहिनी नौटियाल, सिद्धि नैथानी, रिद्धि भट्ट आदि उपस्थित थे।