संसद में सरकार और विपक्ष के बीच सियासी संग्राम, अधीर रंजन चौधरी के बयान पर सत्ता पक्ष का जवाबी हमला
नई दिल्ली, एजेंसी। संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच चल रहा सियासी संग्राम गुरूवार को नए चरम पर पहुंच गया। महंगाई के खिलाफ लगातार नौवें दिन हंगामा कर रहे विपक्ष को सत्तापक्ष के जवाबी हंगामाखेज हमले की चुनौती का सामना करना पड़ा। राष्ट्रपति के बारे में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बिगड़े बोल को लेकर भाजपा सांसदों का जवाबी हंगामा विपक्ष के महंगाई के मुद्दे को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर भारी पड़ा। हालांकि, इसके बावजूद कई विपक्षी दलों के आक्रामक तेवर नहीं थमे और नतीजा यह हुआ कि हंगामा करने के आरोप में विपक्ष के तीन और सांसदों को राज्यसभा में निलंबित कर दिया गया। इसमें आम आदमी पार्टी के दो सांसदों के साथ एक निर्दलीय सांसद भी हैं।
वैसे सरकार और विपक्ष के बीच तीखी हुई जंग के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार ठप होने के बाद पूरे दिन नहीं चल पायी। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष महंगाई का मुद्दा उठा ही रहा था कि अधीर के बयान को लेकर भाजपा के साथ पूरे सत्तापक्ष ने कांग्रेस पर हमला करते हुए आक्रामक हमला बोल दिया। इसके चलते दोनों सदनों में भारी शोर-शराबा और नारेबाजी हुई।
राज्यसभा में सत्तापक्ष के वार के बीच विपक्ष महंगाई पर चर्चा की मांग कर रहा था। इसी दरम्यान आदमी पार्टी के सांसद गुजरात में जहरीली शराब से हुई मौतों का मामला उठाते हुए प्लेकार्ड लेकर वेल में हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों के साथ शामिल हो गए। सभापति वेंकैया नायडू ने प्लेकार्ड लेकर आने वाले सांसदों को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी। हंगामा के बाद सदन एक घंटे के लिए स्थगति हो गया और जब दुबारा बैठक शुरू हुई तो संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी मुरलीधरन के तीन विपक्षी सदस्यों के निलंबन के प्रस्ताव को उपसभापति हरिबंश ने हंगामे में ही पारित करा दिया।
इसके बाद हरिबंश ने आप के दो सांसदों सुशील गुप्ता और संतोष पाठक तथा निर्दलीय सांसद अजीत कुमार भुइंया को सदन की इस हफ्ते की बाकी बची कार्रवाई से निलंबित किए जाने की घोषणा की। विपक्षी खेमे ने इस पर एतराज जताते हुए मतविभाजन की मांग की तो उपसभापति ने सदन में वोटिंग के लिए शांति व्यवस्था कायम करने की बात कही। लेकिन पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा नहीं थमा।
तीन सांसदों के ताजा निलंबन के बाद अब तक राज्यसभा में पिछले तीन दिनों में विपक्ष के 23 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। जबकि लोकसभा में कांग्रेस के चार निलंबित सदस्यों की संख्या को मिलाकर मानसून सत्र में अब तक विपक्ष के कुल 27 सांसद हंगामे के आरोप में निलंबित किए जा चुके हैं। इस बीच, विपक्ष के निलंबित सांसदों का संसद परिसर में 50 घंटे का रिले धरना जारी है। बुधवार रात को कुछ निलंबित सांसद उमसभरी गर्मी में गांधी प्रतिमा के सामने खुले आकाश में ही सोने को बाध्य हुए क्योंकि उन्हें यहां टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी गई। तृणमूल कांग्रेस की निलंबित सांसद मौसम नूर सुबह रिले धरना पर बैठे अन्य सदस्यों के लिए घर से चाय लेकर आयीं। लोकसभा में भी विपक्ष ने गुरूवार को महंगाई के मुद्दे को उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की मगर अधीर के बयान को लेकर उद्वेलित सत्तापक्ष का आक्रामक हमला उस पर भारी पड़ा।
केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अगुआई में भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर चौतरफा हमला बोला और हंगामा बेहद तीखा हो गया। सदन स्थगित होने के बाद सोनिया गांधी के खिलाफ स्मृति ईरानी के आक्रामक तेवरों और व्यवहार ने सरकार और विपक्ष के बीच घमासान को कुछ ज्यादा ही तीखा कर दिया और इसके चलते लोकसभा भी कई बार स्थगति होने के बाद पूरे दिन नहीं चल पायी।