कोटद्वार-पौड़ी

रिखणीखाल ब्लॉक में नेटवर्क की समस्या से ऑनलाइन पढ़ाई बाधित

Spread the love
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। रिखणीखाल ब्लॉक में नेटवर्क न होने से ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। जिससे बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। कोरोना महामारी को देखते हुए संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए छ: माह से स्कूल, कॉलेज बंद है। ऐसे में सरकार ने छात्रों की शिक्षा के लिए ऑनलाइन पढ़ाई के आदेश जारी किये, लेकिन गावों मे नेटवर्क न होने से ऑनलाइन शिक्षा ठप्प पड़ी है।
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी को लेकर मार्च माह के दूसरे सप्ताह से सभी स्कूल कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद हैं। जो अब 30 सितम्बर तक जारी रहेगा। लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में छात्र पूरी तरह से अपने स्कूल और पाठ्यक्रमों से दूर होने लगे थे। जिसको देखते हुए स्कूलों के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर दिए गए। उत्तराखण्ड सरकार से ऑनलाइन शिक्षा के आदेश जारी कर दिये कि बच्चे घर में ही ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करेगें। ऐसे मे गांवों में ऑनलाइन पढ़ाई नेटवर्क न होने की वजह से मजाक बन कर रह गयी है। नेटवर्क न होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शहरों में तो ऑनलाइन शिक्षा का असर दिख रहा है, लेकिन गांवों में सिर्फ यह एक आदेश बनकर रह गया है। रिखणीखाल विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चो को ऑनलाइन शिक्षा का वह साधन नहीं मिल रहा है, जिसकी उम्मीद शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री को है। न ही सरकार के दिये गये आदेश की जमीनी हकीकत को देखने कोई अधिकारी आता है। सिर्फ कागज का पेट भरा जा रहा है। गांवों में बच्चे नेटवर्क की समस्या के चलते पढ़ाई से वंचित है। आज भी कई अभिभावक ऐसे है जो अपने बच्चो के लिए स्मार्ट फोन नहीं खरीद सकते। सरकार कहती है दूसरे के घरों में पढाई करो जिनके पास फोन है। जनपद मुख्यालय पौड़ी से दो सौ किलोमीटर दूर रिखणीखाल ब्लॉक मुख्यालय, ग्राम कर्तिया, ग्राम कुइरालीम, चपडेत सहित 81 ग्राम पंचायतों में नेटवर्क न होने के कारण उन्हें फोन करने के लिए चार-पांच किलोमीटर दूर पहाड़ी पर जाना पड़ता है या पेड़ में चढ़कर बात होती है।
क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया विनीता ध्यानी ने कहा कि रिखणीखाल ब्लॉक में भारत संचार निगम लिमिटेड के चार-पांच टावर है, लेकिन यह मात्र सोपीश बने हुए है। आज के डिजीटिल युग में भी यह क्षेत्र  पिछड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए पिछले काफी समय से केन्द्र एवं प्रदेश सरकार से पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नेटवर्क न होने से क्षेत्र के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!