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रुड़की को जिला बनाने की मांग

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रुड़की। रुड़की की प्रत्येक स्तर पर उपेक्षा की गई। उप्र हो या उत्तराखंड के जमाने से ही रुड़की जिला बनने के सभी मानक पूरे करता हैं लेकिन रुड़की को उसके हक से वंचित रखने का काम विभिन्न राजनैतिक दलों ने किया हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जिला बनाने की मांग को अब एक जन आंदोलन के रूप में उठाया जाएगा। जब तक जिला नहीं बन जाता है, तब तक लोकतांत्रिक जन मोर्चा आवाज उठाता रहेगा। यह बात वक्ताओं ने रविवार को लोकतांत्रिक जन मोर्चा की ओर से रुड़की को जिला बनाने की मांग को लेकर आयोजित एक दिवसीय धरने के दौरान कही। शिक्षाविद् डॉ. रकम सिंह की अध्यक्षता में रविवार को सिविल लाइंस में लोकतांत्रिक जनमोर्चा ने धरना दिया। इस मौके पर संयोजक सुभाष सैनी ने कहा कि रुड़की का नाम देश ही नहीं विदेश तक में हैं। शहर का गौरवमयी इतिहास है। तमाम राष्ट्रीय स्तर के संस्थान मौजूद हैं। रुड़की जिला बनाने के वह सभी मानक पूरे करता है जोकि अन्य जिले करते हैं लेकिन रुड़की को राजनैतिक दलों ने कभी जिला बनाने की सोची तक नहीं। जिसकी वजह से आज भी शहर उपेक्षा का दंश झेल रहा है। पूर्व सांसद राजेन्द्र बाडी ने कहा कि लोकतांत्रिक जन मोर्चा लंबे समय से रुड़की को जिला बनाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है। अब वक्त आ गया है कि इसको जन आंदोलन बनाया जाए। जनता की अधिक से अधिक भागेदारी होगी, तभी सरकार पर दबाव बन सकेगा। मोर्चा के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आजादवीर सिंह ने कहा कि आज सभी एकजुट होकर इस मुहिम में जुड़ जाए। सभी एक लक्ष्य निर्धारित करें कि प्रत्येक दशा में रुड़की को जिला बनाने के लिए संघर्ष करना है। इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी नेता हर्ष प्रकाश काला, उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य राव मुनफैत, पूर्व पालिका दिनेश कौशिक, अफजल मंगलोरी, शारिक अफरोज, किसान नेता गुलशन रोड, हर पाल आर्य, सफाई कर्मचारी नेता सनाती बिरला, लघु व्यापारी नेता विनोद कुमार पार्षद शक्ति राणा, चारु, आदि ने विचार व्यक्त किए।

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