रुद्रपुर में सिडकुल की फाइबर कंपनी में लगी भीषण आग, जिंदा जला श्रमिक
रुद्रपुर । उत्तराखंड के रुद्रपुर में सिडकुल के सेक्टर सात में स्थित दुर्गा फाइबर कंपनी में शर्टसर्किट से आग लग गई। कंपनी में आग लगते ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और उन्होंने किसी तरह भागकर जान बचाई। पांच घंटे की मशक्कत के बाद दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया। आग से कोई जनहानि नहीं हुई है। एसएसपी ने आग से कंपनी को करोड़ों का नुकसान होने की बात कही है। घटना सोमवार दिन की है। वहीं, मंगलवार सुबह आग में झुलसे एक श्रमिक की मौत हो गई। मृतक पीलीभीत का रहने वाला था।
बता दें कि दुर्गा फाइबर कंपनी में फाइबर की डिस्पोजेबल प्लेटें व गिलास बनाए जाते हैं। सोमवार को कंपनी में 100 कर्मचारी काम कर रहे थे। अधिकतर कर्मचारियों को टुट्टी दी गई थी। दोपहर डेढ़ बजे शर्ट सर्किट से अचानक कंपनी में आग लग गई। कंपनी के अंदर धुआं देखकर कर्मचारियों व अधिकारियों ने बाहर निकलकर जान बचाई और दमकल की गाड़ियों के मौके पर पहुंचने तक कंपनी में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था।
रुद्रपुर, पंतनगर के दमकल वाहनों के साथ ही सिडकुल की अन्य कंपनियों से फायर वाहनों को आग बुझाने के लिए लगाया गया। कंपनी के अंदर फाइबर होने से आग की लपटें हवाओं के साथ और तेज होती रहीं। दमकल विभाग की सीएफओ वंश बहादुर यादव टीम के साथ आग बुझाने के लिए जुटे रहे। सूचना पर पहुंचे एसएसपी डीएस कुंवर ने दोपहर डेढ़ बजे कंपनी में शर्टसर्किट से आग लगी। शाम छह बजे आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।
वहीं एसएसपी डीएस कुंवर, एडीएम उत्तम सिंह चौहान, एसडीएम विशाल मिश्रा, आपदा प्रबंधन अधिकारी उमाशंकर नेगी, सीओ अमित कुमार, एसओ पंतनगर मदन मोहन जोशी, एसओ दिनेशपुर अशोक कुमार, सिडकुल चौकी प्रभारी सुरेंद्र सिंह आग के बुझाने तक कंपनी के बाहर ही रहे।
दुर्गा फाइबर कंपनी में आग की लपटें देखकर आसपास की कंपनियों में अलर्ट जारी कर दिया गया था। दमकल विभाग के अनुरोध पर 10 कंपनियों ने कर्मचारियों की टुट्टी कर कामकाज बंद कर दिया। साथ ही बिजली के सभी उपकरणों को बंद कर दिया था। कंपनियों तक आग न पहुंचे इसके लिए आसपास खाली जगहों पर पानी का लगातार छिड़काव किया गया। कंपनी के प्रबंधक आग को बुझाने के लिए दमकल कर्मियों से मिन्नतें करते नजर आए।
कंपनी में आग लगने के बाद तेज हवाएं चलने लगी, जिससे आग की लपटें तेज हो गई थीं। आग की लपटें हवा के साथ उठने लगी तो हर कोई सहम गया। इधर, आग से गोदाम और पूरी बिल्डिंग जल गई। कंपनी से निकल रहा काला धुआं देखकर लोग दहशत में नजर आए। आग का धुआं पूरा सिडकुल में फैलने के साथ ही पंतनगर तक पहुंच गया, जिससे वायु प्रदूषण में सामान्य दिनों के मुकाबले काफी बढ़ गया।
सीएफओ वंश बहादुर यादव ने बताया कि आग लगने के बाद रुद्रपुर समेत आसपास के शहरों ने फायर वाहनों को बुलाया गया। हल्द्वानी से एक, सितारगंज से एक, रुद्रपुर से दो, सिडकुल से दो वाहनों के साथ ही सिडकुल की अशोक लीलैंड, हिंदुस्तान जिंक, टाटा मोटर्स व बजाज कंपनी के एक एक निजी फायर वाहन आग बुझाने के लिए लगाए गए।
दमकल अधिकारियों के अनुसार आग दिन में लगने से उसे बुझाने में हरसंभव कोशिश की गई। यही आग रात को लगती तो जनहानि हो सकती थी। गनीमत रही कि सोमवार को कंपनी में 100 कर्मचारी काम पर आए थे। 200 कर्मचारियों के साथ ही प्लांट हेड टुट्टी पर थे। सीएफओ वंश बहादुर ने बताया कि आग में 10 कर्मचारी शुरू में घिर गए थे लेकिन सभी सकुशल बाहर आ गए। अन्य दिनों के हिसाब से कर्मचारी ड्यूटी पर होते तो बड़ा हादसा हो सकता था।
जिस समय कंपनी में आग धधकी उसी समय कंपनी के बाहर 50 से ज्यादा एलपीजी के भरे गैस सिलिंडर रखे थे। कर्मचारियों ने सूझबूझ का परिचय देकर सभी सिलिंडरों को मौके से हटा दिया। सिलिंडर नहीं हटाए जाते तो कंपनी में ब्लास्ट हो सकता था।