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सड़कों को अतिक्रमण मुक्त बनाना प्रशासन के लिए चुनौती

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
नगर निगम क्षेत्र की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त बनाना प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। स्थिति यह है कि गोखले मार्ग के अलावा रेहड़ी, ठेली व फड़ व्यापारियों ने पटेल मार्ग पर भी कब्जा कर लिया है। गोखले और पटेल मार्ग पर अतिक्रमण के कारण दिन भर जाम लगता रहता है। गोखेल मार्ग पर तो सांय के समय वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए प्रशासन ने पूर्व में अभियान चलाया था। अभियान के दौरान गोखले मार्ग पर अतिक्रमण करने वाले व्यापारियों को प्रशासन ने नोटिस दिये थे। जिसके बाद व्यापारियों ने दुकानों के बाहर किसी भी रेहड़ी, ठेली व फड़ व्यापारी को दुकान नहीं लगाने दी। जिससे काफी हद तक शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार हो गया था, लेकिन इसके बाद प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। नतीजा गोखले मार्ग के अलावा रेहड़ी, ठेली व फड़ व्यापारियों ने पटेल मार्ग पर कब्जा कर लिया है। मार्ग के दोनों ओर अतिक्रमण होने से पटेल मार्ग काफी संकरा हो गया है। जिससे वाहनों को आवाजाही के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती। निगम की सड़कों पर जगह-जगह अतिक्रमण होने से राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है।
ज्ञात हो कि प्रशासन ने वर्ष 2017 में गोखल मार्ग पर 72 अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया था। लेकिन अभी तक इस पर कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई है। अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्यवाही न होने से अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलन्द है। इसीका नतीजा है कि अब रेहड़ी, ठेली व फड़ व्यापारियों ने पटेल मार्ग के दोनों ओर अतिक्रमण कर लिया है। पटेल मार्ग पर फैले अतिक्रमण के कारण इस मार्ग पर हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। कई बार दो पहिया वाहन चालकों को घंटों धूप में खड़े रहकर जाम खुलने का इंतजार करना पड़ता है।

गोखले मार्ग पर बिना लाईसेंस फड़, ठेली लगाने पर होगी कार्यवाही
कोटद्वार।
शहर के सबसे व्यस्त गोखले मार्ग पर बिना लाईसेंस फड़ और ठेली लगाने पर नगर निगम की ओर से एक हजार रूपये जुर्माना लगाया जायेगा, जबकि दुकान के आगे बिना लाईसेंस के फड़ और ठेली लगाने पर दुकानदार पर दो हजार का जुर्माना लगाया जायेगा।
नगर आयुक्त पीएल शाह ने बताया कि शनिवार को निगम कार्यालय में व्यापार मंडल, पुलिस प्रशासन के साथ बैठक की गई। उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया कि गोखले मार्ग पर सड़क के दोनों ओर साढ़े तीन फिट की सफेद पट्टी लगाई जायेगी। सफेद पट्टी के बाहर फड़ और ठेली नहीं लगने दी जायेगी। गोखले मार्ग में फड़ और ठेली लगाने वाले व्यापारियों को लाइसेंस दिया जायेगा। इस मार्ग पर बिना लाईसेंस के फड़-ठेली लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि गोखले मार्ग के दोनों ओर बैरियर लगाये जायेगें, ताकि रेहड़ी, ठेली और दुपहिया वाहन अंदर न जा सकें। इस मार्ग पर सांय के समय नगर निगम और पुलिस कर्मियों की डयूटी लगाई जायेगी। नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि सड़कों को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए सख्ती के साथ अभियान चलाया जायेगा। अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बैठक में पुलिस उपाधीक्षक अनिल जोशी, सहायक नगर आयुक्त अंकिता जोशी, अवर अभियन्ता अखिलेश खण्डूडी, सफाई निरीक्षक सुनील कुमार, व्यापार संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह बिष्ट आदि मौजूद थे।

फल-सब्जी की रेहड़ियों के लिए वेंडर जोन की व्यवस्था की जाय
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
स्व. सरोजनी देवी लोक विकास समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि वेंडर जोन की व्यवस्था नहीं होने के कारण शहर के मुख्य मार्गों पर फल-सब्जी की रेहड़ी वाले अपना व्यवसाय करते है। जिस कारण शहर में हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने कहा कि अगर नगर निगम वेंडर जोन विकसित करे तो ऐसे दुकानदार एक जगह अपना व्यवसाय कर सकेंगे।
राजेन्द्र सिंह नेगी ने महापौर श्रीमती हेमलता नेगी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि फल-सब्जियों की रेहड़ी व ठेलियों की भरमार से नगर की सड़के नागरिकों के आवागमन के लिए अवरूद्ध सी हो गई है। उन्होंने कहा कि पटेल और गोखले मार्ग की स्थिति तो बहुत ही खराब है। इन मार्गों पर सड़क के दोनों ओर ठेलियां और फड़ लगी होने से लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो रखा है। लेकिन नगर निगम इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। फल-सब्जी की रेहड़ियों के लिए वेंडर जोन की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर जगह-जगह आवारा पशुओं का जमावड़ा होने से हर समय दुर्घटना का खतरा बना हुआ है, वहीं खोह नदी के किनारे मुक्तिधाम के पास कूड़े का ढे़र लगा होने से सामान्य जीवन प्र्रभावित हो रहा है। नगर निगम के कूड़ा निस्तारण के लिए टे्रचिंग ग्राउण्ड के लिए अन्यत्र व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के अभाव में नगर की सीवर लाईनें नगर की सीमा से सटे जिला बिजनौर की सीमा पर खुले में छोड़ने के कारण जहां नागरिकों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडराने की संभावना बनी हुई है, वहीं जिला बिजनौर व गढ़वाल के मध्य भारी विवाद की संभावना बनी हुई है।

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