उत्तराखंड

यूसीसी के समर्थन में संतों ने किया सांकेतिक उपवास

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हरिद्वार। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के समर्थन में संतों ने सोमवार को हरकी पैड़ी पर सांकेतिक उपवास किया। संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तराखंड के साथ देश के सभी राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की। संतों ने कहा कि समय की आवश्यकता को देखते हुए आज समान नागरिक संहिता बेहद जरूरी है।
इस दौरान मीडिया से बातचीत में जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि संतों ने तय किया है, जो भारत माता की जय बोलता है, वह इस देश का नागरिक है, देश का सपूत है और देश भक्त है, जो भारत माता की जय नहीं बोलता है और वंदे मातरम नहीं बोलता है वह भारत का देश का सपूत नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश में लाइन खींचनी पड़ेगी कि कौन देश भक्त और कौन देश द्रोही है। उन्होंने कहा कि सारे संसार में भारत ऐसा देश है जहां अलग-अलग कानून हैं और समाज को बांटा जाता है। संतों की मांग है कि एक देश, एक नागिरक और एक कानून लागू होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के अंदर भेदभाव मिटना चाहिए, सब भारतीय है और सबको भारत माता की जय और वंदे मातरम की जय बोलनी होगी। कार्यक्रम संयोजक प्रबोधानंद ने कहा कि अब यूसीसी लागू करने में देरी नहीं होनी चाहिए। 75 साल से देरी हो रही है अब इसे तत्काल कानून लागू होना चाहिए।
महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि पूरे देश की मांग है कि जल्दी यूसीसी को लागू करें। लोकसभा चुनाव से पहले देश में यूसीसी लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पर संतों का सरकार को पूर्ण समर्थन है।
इस मौके पर अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी, श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंडलेश्वर हरिचेतानदं, महंत विष्णु दास, स्वामीाषिश्वरानंद, महंत गोविंद दास, महंत जसविंदर सिंह, महंत राममुनि, महंत जयेंद्र मुनि, रघुबीर दास, स्वामी आदियोगी आदि शामिल रहे।

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