उत्तराखंड

संत समाज ने ब्रह्मलीन बागीश्वरानंद को श्रद्घांजलि दी

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हरिद्वार। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद ष्णम ने कहा कि भारत का गौरवपूर्ण इतिहास संतों की गाथा से परिपूर्ण है। महापुरुषों के तपोबल से संपूर्ण विश्व में भारत का एक अलग स्थान है। अनादि काल से वर्तमान तक संत महापुरुष मानवता का मार्गदर्शन कर धर्म एवं संस्ति की पताका को विश्व भर में फहराते आए हैं। यह बात उन्होंने भूपतवाला स्थित श्री चेतन ज्योति आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी बागीश्वरानंद महाराज को श्रद्घासुमन अर्पित करते हुए कही।
महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद एवं महामंडलेश्वर स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी बागीश्वरानंद महान एवं तपस्वी संत थे। जिन्होंनेाषि परंपरा का निर्वहन करते हुए सनातन धर्म एवं भारतीय संस्ति के प्रचार-प्रसार में अपना जीवन समर्पित किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा। महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश एवं जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि ब्रह्मलीन संत साक्षात त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। जिनके मार्ग का अनुसरण करते हुए स्वामीाषिश्वरानंद और उनके पा पात्र शिष्य महंत शिवानंद उनके द्वारा संचालित सेवा प्रकल्प में निरंतर बढ़ोतरी कर समाज की सेवा कर रहे हैं। चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्षाषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि पूज्य गुरुदेव के मार्ग का अनुसरण करते हुए संत समाज की सेवा और राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करना ही उनके जीवन का मूल उद्देश्य है।
कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा एवं गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने पहुंचकर संत महापुरुषों से आशीर्वाद प्राप्त किया। शिवानंद एवं महंत दुर्गादास ने फूल माला पहनाकर संतों का स्वागत किया। इस मौके पर योगी सत्यव्रतानंद, स्वामी कल्याण देव, स्वामी देवेंद्र तोमर, बाबा हठयोगी, महंत गौरीशंकर दास, महामंडलेश्वर हरिबल्लभ दास शास्त्री, अनंतानंद, महंत प्रह्लाद दास, श्रीमहंत विष्णु दास, महंत अरुण दास, महंत शिवानंद भारती, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री, महंत प्रेमदास, राजमाता आशा भारती आदि शामिल रहे।

 

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