उत्तराखंड

पिथौरागढ़ के युवाओं का चयन आयोग-सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

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पिथौरागढ़। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग के वीडीओ, वीपीडीओ सहित अन्य पदों के परीक्षा परिणाम में धांधली को लेकर युवाओं ने प्रदेश सरकार और चयन आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने परीक्षा को रद्द कर दोबारा कराने और स्वतंत्र जांच आयोग के माध्यम से परिणाम की जांच की मांग की।
सोमवार को बेरोजगार युवाओं ने शंकर जोशी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। कहा यूकेएसएसएससी ने समूह ग के 854 पदों के लिए 4 व 5 दिसंबर को परीक्षा कराई थी। जिसमें पूरे प्रदेश से 1 लाख 46 हजार से से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल रहे। तीन पालियों में कराई गई परीक्षा में कई सही प्रश्नों को डिलीट कर दिया है। गलत उत्तरों को आयोग द्वारा संशोधित उत्तर कुंजी में सही मान लिया है, जिससे सैकड़ों छात्र-छात्राएं चयन से वंचित हो गए हैं। कहा नार्मलाइजेशन के नाम पर धांधली की गई है। लिस्ट में ऐसे कई नाम हैं जो एक ही परिवार से हैं। भ्रष्टाचार हटाने की बात कहने वाली सरकार खुद भ्रष्टाचार फैला रही है। सहकारी बैंक में चतुर्थ श्रेणी भर्ती, उपनल, आउटसोर्स की भर्तियां इसका एक उदाहरण हैं। युवाओं ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर परीक्षा को रद्द कर दोबारा कराने की मांग की। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष महेंद्र रावत ने कहा उत्तराखंड में एक परीक्षा तक आयोग निष्पक्ष ढंग से आयोजित नहीं करवा पा रहा है।
ये रहे शामिल-
जगदीश सिंह सामंत, भावना धामी, अनीता धामी, जतिन भट्ट, रामचंद्र पांडेय, राकेश जोशी, राकेश भट्ट, शांति नेगी, पंकज महरा, तनुज कल्पासी आदि।

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