जोशीमठ में आपदा टनल के कारण आई : शिवानंद
हरिद्वार। मातृसदन के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने दावा किया कि आठ कमेटियों की रिपोर्ट पर नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथरिटी (एनडीएमए) ने पीएमओ को जोशीमठ में आपदा सीवरेज के कारण आने का प्रस्तुतिकरण दिया है जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में आपदा सीवरेज के कारण नहीं बल्कि टनल की खुदाई के कारण आई है। मातृसदन में चल रहे तीन दिवसीय विश्व पर्यावरण सम्मेलन में एनडीएमए के दावों के विरुद्घ प्रस्ताव पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के बुद्घिजीवी और पर्यावरणविद जोशीमठ आपदा पर गहन चिंतन कर प्रस्ताव पारित करेंगे। सभी बुद्घिजीवी और पर्यावरणविद प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर करेंगे। यह प्रस्ताव पीएमओ और राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
रविवार को कनखल स्थित मातृसदन आश्रम में हिमालय और जोशीमठ को बचाने और राज्य में आपदाओं को लेकर तीन दिवसीय विश्व पर्यावरण सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। पहले दिन जोशीमठ आपदा पर चर्चा की गई। सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि धरती से अनावश्यक टेड़छाड़ करेंगे या धरती पर भार को क्षमता से ज्यादा बढ़ाएंगे तो इसके परिणाम में जोशीमठ जैसी आपदाएं सामने आएंगी। जोशीमठ के लोगों को सरकार संतुष्ट नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार नारेबाज सरकार है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के समय में नेशनल प्रोजेक्ट के रूप मेंाषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन स्वीत हुई थी, यह प्रोजेक्ट ओवर ग्राउंड प्रोजेक्ट था, भाजपा की सरकार आई और इसको अंडर ग्राउंड प्रोजेक्ट में बदल दिया। रेलवे लाइन के पास जितने गांव हैं वह सभी गांव प्रभावित हैं।
पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में अनियोजित विकास का नतीजा है कि जोशीमठ में आपदा आई है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है कि भाजपा के जिम्मेदार लोग कह रहे हैं कि जोशीमठ का आंदोलन माओवादियों से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के लोगों के घाव काफी गहरे हैं और उन घावों पर भाजपा नमक छिड़कने का काम कर रही है। सम्मेलन के पहले दिन बाबा हठयोगी, ड़ रवि चोपड़ा, अतुल सती, गुरनाम सिंह सहित बड़ी संख्या में बुद्घिजीवी और पर्यावरणविद उपस्थित रहे।