कोटद्वार-पौड़ी

…और जीर्णोद्धार के मात्र दो वर्ष में ही बदहाल हो गया सिद्धबली पार्क

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दल लाख रुपये की लागत से सिद्धबली पार्क का हुआ था जीर्णोद्धार
झूले व अन्य सामान टूटा, गमले भी चोरी कर रहे गए शरारती तत्व
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सरकारी सिस्टम अपनी संपत्ति को लेकर कितना लापरवाह है, इसका एक उदाहरण सिद्धबली मार्ग के समीप बनाए गए बच्चा पार्क की स्थिति को देखकर लगाया जा सकता है। दरअसल, दो वर्ष पूर्व कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग ने दस लाख रुपये की लागत से पार्क का जीर्णोद्धार करवाया था। लेकिन, वर्तमान में यह पार्क बदहाल स्थिति में पहुंच चुका है। पार्क में लगाए गए झूले व अन्य सामान टूट चुका है। साथ ही शरारती तत्वों ने पार्क में लगाए गमले भी चोरी कर दिए हैं।
तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के बजट से पार्क का जीर्णाेद्धार करवाया था। मरम्मत कार्य पूर्ण होने के बाद 27 जनवरी 2021 को डा. हरक सिंह रावत ने पार्क का लोकापर्ण किया। लेकिन, दो वर्ष में ही पार्क बदहाल स्थिति में पहुंच चुका है। बच्चों के लिए लगाए गए अधिकांश झूले टूट चुके हैं। पार्क सौंदर्यीकरण के लिए लगाई टाइल्स जगह-जगह से टूट चुकी है। परिसर में लगाए गए मनमोहक फूल व घास को असामाजिक तत्वों ने बर्बाद कर दिया है। जबकि, पार्क से चंद कदम की दूरी पर वन विभाग का कार्यालय भी है। बावजूद विभाग ने पार्क के संरक्षण की सुध नहीं ली। जबकि, पूर्व में वन विभाग ने पार्क के देख-रेख के लिए एक चौकीदार की भी तैनाती करने की बात कही थी।

जनता ने भी दिखाई लापरवाही
पार्क का सौंदर्यीकरण होने के बाद इसका सबसे अधिक लाभ क्षेत्रवासियों को ही मिल रहा था। सुबह व शाम के समय बुजुर्ग व बच्चे पार्क में घूमने के लिए पहुंचते थे। लेकिन, कुछ लोगों ने अपनी लापरवाही का परिचय देते हुए पार्क की सुंदरता को खराब करने का कार्य किया। बच्चों के लिए बनाए गए झूलों में बड़े व्यक्ति भी झूलने लगे थे। जिससे वह टूट गए। पार्क में लगे कूड़ेदान का उपयोग करने के बजाय कुछ लोग परिसर में ही गंदगी को फेंक देते थे। जिससे पार्क बदहाल होता गया।

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