कोटद्वार-पौड़ी

शिक्षक दिवस पर पुरानी पेंशल बहाली की सौगात देने की मांग की

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखण्ड द्वारा पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलन को सफल बनाने के लिए रणनीति तैयार की गई है। रणनीति के तहत उत्तराखण्ड के समस्त अधिकारी/शिक्षक/कर्मचारी 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस पर सरकार से शिक्षक सम्मान के रूप में पुरानी पेंशन बहाली हेतु टविटर पर ‘‘हेस टैग’’ अभियान चलायेगें। 13 सितम्बर को राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम के तहत एक दिन का परिवार सहित अनश्न, 1 अक्टूबर को उत्तराखण्ड राज्य में पुरानी पेंशन योजना राज्य सरकार द्वारा बन्द किये जाने के कारण काला दिवस मनाया जायेगा।
राष्ट्रीय पुरानी पेेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखण्ड की ऑन लाइन बैठक आहूत की गई। मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि विगत 30 अगस्त को गढ़वाल सांसद तीरर्थ ंसह रावत को पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। सांसद ने केन्द्र सरकार के समक्ष पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर सकारात्मक पक्ष रखने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2005 के पश्चात नियुक्त कार्मिकों को नवीन पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। जो कर्मचारियों के भविष्य के लिए सुरक्षित नहीं है। अक्टूबर 2005 से पूर्व कार्यरत सभी राजकीय अधिकारी/शिक्षक/कार्मिक अपने वेतन का एक अंश स्वयं जीपीएफ के तहत कटवाते हैं, उस पर एक निर्धारित ब्याज प्रक्रिया भी है। अपने सेवाकाल के समय अपनी आवश्यकतानुसार कर्मचारी जीपीएफ से अपना पैसा निकाला जाता था। जिससे कर्मचसारी को बैंक से अलग प्रकार के लोन/ऋण की जरूरत नहीं पड़ती थी। राजकीय सेवा से एक दिन जब वह सेवानिवृत्त हो रहा है तो तब भी उसके जीपीएफ की कुछ राशि उसे मिलती है और सेवानिवृत्ति के पश्चात उसे पेंशन मिलती है। जिसमें केन्द्रीय सरकार द्वारा निर्धारित डीए भी जुड़ता है।
सीताराम पोखरियाल ने कहा कि वर्तमान में जो भी सरकारी सेवा में नियुक्ति पा रहा है अथवा जो अक्टूबर 2005 के पश्चात नियुक्त हुये हैं उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद जीवन यापन की चिंता सता रही है। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए किसी भी प्रकार से लाभदायक नहीं है। पुरानी जीपीएफ पेंशन योजना कर्मचारियों के सुरक्षित थी। कर्मचारी सेवा में रहते हुये अपने कार्यो के साथ-साथ अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारियों का भी निर्वहन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एनपीएफ जैसी प्राइवेट शेयर बाजार की योजना को समाप्त कर सभी का भविश्य सुरक्षित करने हेतु पुरानी जीपीएफ योजना को बहाल किया जाय।

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