उत्तराखंड

मैग्नेसाइट फैक्ट्री के लिए सितारगंज विस्थापित किसानों का प्रदर्शन

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बागेश्वर। अल्मोड़ा मैग्नेसाइट फैक्ट्री की स्थापना के वक्त 1972 में सितारगंज में विस्थापित परिवारों ने तहसील परिसर पर प्रदर्शन किया। उन्होंने यहां की भूमि के बदले में सितारगंज में मिली भूमि पर मालिकाना हक देने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
गुरुवार को विस्थापित 175 परिवारों के लोग तहसील पर एकत्र हुए। उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। कहा कि 1972 में मैग्नेसाइट फैक्ट्री के लिए उनकी भूमि अधिगृहित की गई। उसके बदले उन्हें सितारंगज में भूमि दी गई। 50 वर्ष के बाद भी सितारंगज में मिली भूमि पर उन्हें मालिकाना हक नहीं मिल सका है। पीड़ित परिवार बंदोबस्ती के पक्ष में भी नहीं हैं। 175 परिवार तब मिली जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। कुछ परिवार अस्थाई रूप से कल्याणपुर में निवासी करते हैं। राजस्व विभाग ने एकतरफा रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी है। उस गलत रिपोर्ट से उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। राजस्व विभाग ने उन्हें विश्वास में भी नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि यदि वहां की जमीन पर उन्हें मालिकाना हक नहीं मिला तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इस दौरान प्रधान शीला देवी, मनोज तिवारी, देवेंद्र सिंह रौतेला, ललिता रौतेला, रवि करायत समेत तमाम किसान मौजूद थे।

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