उत्तराखंड

यमुनोत्री पैदल मार्ग पर अब तक 19 घोड़े-खच्चरों की मौत

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उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम में घोड़े-खच्चरों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा। यहां अब तक 19 घोड़े-खच्चरों की मौत हो चुकी है। अनफिट घोड़े-खच्चर भी यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं। हालांकि विभाग ने ऐसे 101 घोड़े-खच्चरों को वापस लौटाया है। वहीं हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी और पशुपालन विभाग का एक सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। चारधाम में अव्यवस्थाओं और केदारनाथ, यमुनोत्री समेत अन्य तीर्थस्थलों पर घोड़े-खच्चरों की हो रही मौतों को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट नैनीताल ने बुधवार को सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने चार धाम से संबंधित जिलों के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। जिले के यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर अब तक कई घोड़े-खच्चरों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद प्रशासन और पशु पालन विभाग भी सतर्क हुआ है। यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा रूट पर जिला पंचायत की ओर से 2800 घोड़े खच्चर पंजीत हैं, जिनमें 1200 का बीमा हुआ है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ड़ बीडी ढौंढियाल ने पैदल मार्ग पर चोटिल होने या किन्हीं कारणों से अस्वस्थ 95 घोड़े खच्चरों का ट्रीटमेंट किया है। रोजाना करीब 8 से 10 बेजुबानों का उपचार किया जा रहा है। जबकि क्षमता से अधिक वजन लादे जाने की शिकायत पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए 8 लोगों की टीम पैदल मार्ग पर तैनात है। इसके अलावा लगातार जागरूकता शिविर आयोजित कर खच्चर मालिकों को फिटनेस और बीमा के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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