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दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने यात्रा प्रतिबंधों की निंदा की

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-कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कारण कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका समेत अफ्रीकी देशों की यात्रा पर लगाया है प्रतिबंध
नई दिल्ली, एजेंसी : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से घातक ओमिक्रॉन स्ट्रेन की जानकारी देने के बाद दुनियाभर के कई देश दक्षिण अफ्रीका समेत कई अफ्रीकी देशों में यात्रा पर बैन लगा चुके हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि ये नई चिंता अफ्रीका में पैदा हुई है, जिस कारण सभी ने अफ्रीका पर बैन लगा दिया। इस बीच बीबीसी ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने अपने देश और उसके पड़ोसियों के खिलाफ नए कोरोना वायरस वेरिएंट के कारण लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों की निंदा की है।
सिरिल रामफोसा ने कहा कि वह ऐसे एक्शन से बेहद निराश हैं। उन्होंने बैन को अनुचित बताया और प्रतिबंधों को तत्काल हटाने का आह्वान किया। यूके, ईयू और यूएस उन क्षेत्रों में शामिल हैं, जिन्होंने यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं। प्रारंभिक साक्ष्य बताते हैं कि इस वायरस के कारण पुन: संक्रमण का जोखिम अधिक बढ़ता है। पिछले दो हफ्तों में दक्षिण अफ्रीका के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत, गौतेंग में पाए जाने वाले अधिकांश संक्रमणों के लिए यह स्ट्रेन जिम्मेदार रहा और अब यह देश के अन्य सभी प्रांतों में फैल चुका है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोमवार को जापान सख्त सीमा प्रतिबंधों को बहाल करने वाला नवीनतम देश बन गया, जिसमें 30 नवंबर से सभी विदेशियों के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, डब्ल्यूएचओ ने जल्दबाजी में यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले देशों को कहा कि उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण समेत कई तस्वीरों को देखना चाहिए। हालांकि, हाल के दिनों में संस्करण पर चिंताओं के बीच कई प्रतिबंध लगाए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रामफोसा ने अपने भाषण में कहा कि यात्रा प्रतिबंध का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और दक्षिणी अफ्रीका अनुचित भेदभाव का शिकार हुआ। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि प्रतिबंध वैरिएंट के प्रसार को रोकने में प्रभावी नहीं होंगे। उन्होंने कहा, ‘यात्रा पर प्रतिबंध केवल यही करेगा कि प्रभावित देशों की अर्थव्यवस्थाओं को और नुकसान पहुंचाएगा और महामारी से निपटने और उन्हें उबरने की उनकी क्षमता को कम कर देगा।

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