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नहीं रहे दुंदुभी के संपादक सुधींद्र नेगी

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जयन्त प्रतिनिधि
कोटद्वार। गढ़वाल में पत्रकारिता की अलख को दूसरी पीढ़ी तक जलाये रखने वाले मूर्धन्य पत्रकार
आज सुधीन्द्र नेगी परलोकवासी हो गये | उत्तराखण्ड के प्रख्यात पत्रकार और सर्वहारा समाज के पोषक ठहरो समाचार पत्र के संपादक स्व भूपेंद्र सिंह नेगी के पुत्र श्री सुधीन्द्र नेगी काफी समय से बीमार चल रहे थे, कलम के धनी श्री नेगी अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिए हमेशा याद किए जायेंगे। उनका जन्म 18 अगस्त 1956 को कोटद्वार नगर के झण्डीचौड़ क्षेत्र में हुआ था | आपके पिताजी स्व. श्री भूपेन्द्र सिंह नेगी साप्ताहिक पत्र ठहरो के संस्थापक सम्पादक थे | आपके पिताजी का सन् 1996 में स्वर्गवास होने पर आपने ठहरो का सम्पादन कार्य अपने हाथों में ले लिया तथा सन् 2005 तक ठहरो का संपादन किया | वर्ष 2005 में आपने ठहरो के साथ कर दुंदुभि का प्रकाशन किया, जो अभीप्रकशितहो है। | आपके द्वारा व्यंग्यात्मक शैली में लिखे गये लेखों की सीरिज चतुरलाल की चौपाल को अपने समय में काफी प्रसिद्धि मिली | अपनी विशिष्ट लेखन शैली के कारण पत्रकारिता जगत में आप की एक अलग ही पहिचान थी। निर्भीक पत्रकारिता,उन्हें अपने पिता कामरेड भूपिंदर सिंह नेगी से विरासत में मिली थी।उनका पत्रकारिता का सफर सन् 1992 से शुरू हुआ, ठहरो साप्ताहिक से शुरू यह सफर २००५ में दुंदुभी साप्ताहिक के साथ निरन्तर चलता रहा। श्री नेगी मात्र एक पत्रकार ही नहीं थे बल्कि एक फुटबाल खिलाड़ी, कलाकार, संगीतकार,नाट्य निर्देशक आदि गुणों से भी परिपूर्ण थे | पत्रकारिता के उच्च मानदण्डों पर खरा उतरने वाले श्री नेगी का मानवीय पक्ष भी बहुत सशक्त था | आप सदा पत्रकारों की आवाज बनकर पत्रकारों के सुख दुख में खड़े होते थे।आज कोटद्वार में पत्रकारिता के एक पुरोधा की जीवन की पारी का भले ही अन्त हो गया हो परन्तु अपने सशक्त विचारों तथा पत्रकारिता की विशेष शैली के कारण आप हमेशा जीवित रहेगें | कोटद्वार की पत्रकारिता के लिए यह अपूर्णीय क्षति है | हम आप को हृदय की गहराइयों से सादर श्रद्धांजलि देते हैं।

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