बिग ब्रेकिंग

सुप्रीम कोर्ट का फैसला- शिवलिंग वाली जगह रहेगी सील, सिर्फ 20 लोगों को होगी नमाज की इजाजत

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

 

नई दिल्ली , एजेंसी। बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अंजुमन मस्जिद कमेटी द्वारा दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परिसर में जिस जगह शिवलिंग मिला है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए। लेकिन, अदालत ने यह भी कहा कि लोगों को नमाज अदा करने से रोका न जाए। सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ जानिए हर अपडेट-
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को उस परिसर को सील करने का निर्देश दिया जहां शिवलिंग पाया गया है। वजू खाना में प्रवेश प्रतिबंधित है और इसका उपयोग नहीं किया जाएगा। केवल 20 लोगों को नमाज की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही अदालत ने सर्वे पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। साथ ही मामले की सुनवाई गुरुवार तक स्थगित कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि उसे कुछ मुद्दों पर उनसे मदद की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से कहा कि वह ट्रायल कोर्ट को आदेश 7 नियम 11 (वादपत्र की अस्वीति के लिए) के तहत आपके आवेदन का निपटान करने का आदेश देगा। सुनवाई के दौरान मस्जिद समिति के वरिष्ठ अधिवक्ता अहमदी ने कहा कि वह निचली अदालत के एक आयुक्त की नियुक्ति सहित सभी आदेशों पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं और यथास्थिति का आदेश दिया जाना चाहिए क्योंकि ये आदेश अवैध है और संसद के कानून के खिलाफ है। वकील ने कहा कि वाराणसी कोर्ट ने सोमवार को आयुक्त द्वारा यह बताए जाने के बाद कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर एक शिवलिंग पाया गया है, परिसर में एक स्थान को सील करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि परिसर सील नहीं रह सकते और आदेश अवैध हैं। यदि परिसर को सील कर दिया जाता है, तो यथास्थिति में परिवर्तन होता है। पूजा स्थल अधिनियम की धारा 3 यह स्पष्ट करती है कि ऐसा नहीं किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के प्रसिद्घ काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण का आदेश देने वाले वाराणसी कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई शुरू की।
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि ज्ञानवापी मसले पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद प्रबंध समिति वाराणसी की याचिका की सुनवाई में उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने उनसे कहा कि वह भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहें। समझा जा रहा है कि दोपहर एक बजे शीर्ष कोर्ट में यह सुनवाई होगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ इस मामले को सुनेगी।
हिंदू सेना ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दखल याचिका (पदजमतअमदजपवद ंचचसपबंजपवद) दायर करने के साथ ही उसे भी अंजुमन की अपील पर सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता के रूप में पक्ष रखने का मौका दिया जाए। अंजुमन कमेटी ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर रोक लगवाना चाहती है। हालांकि निचली कोर्ट के निर्देश पर सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
उधर, वाराणसी कोर्ट में आज पेश होने वाली सर्वे रिपोर्ट लटक गई है। दरअसल, 14 से 16 मई तक चले सर्वे की रिपोर्ट आज वाराणसी कोर्ट में पेश की जानी थी, लेकिन अभी तक सिर्फ 50 फीसदी रिपोर्ट ही तैयार है। असिस्टेंट कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि, ष्केवल 50: रिपोर्ट तैयार है, यह अभी पूरी नहीं हुई है। इसलिए आज इसे अदालत के समक्ष पेश नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने बताया हम कोर्ट से मांगेंगे तीन से चार दिन के समय की मांग करेंगे। हालांकि, विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा है कि रिपोर्ट लगभग तैयार है। हम कोशिश करेंगे कि कोर्ट द्वारा निर्धारित समय पर ही रिपोर्ट पेश की जाए।
दो दिन से जारी गहमागहमी के बीच ज्ञानवापी परिसर में अभी तक हुए सर्वे को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्षों ने अपने-अपने दावे किए हैं। दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वेवश्वर नाथ मंदिर विवाद मामले में सोमवार को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रही। मंदिर पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि निचली अदालत के आदेश पर कराए जा रहे सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर शिवलिंग मिला है। इसके अलावा मंदिर से जुड़ी कई अन्य चीजें भी सामने आईं हैं। निचली अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के उस एरिया को सील करा दिया है, जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। करीब एक घंटे तक चली सुनवाई में केवल मंदिर पक्ष की ओर से तथ्य पेश किए गए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 20 मई की तिथि निर्धारित की है। उस दिन याची पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया अपना पक्ष प्रस्तुत करेगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!