उत्तराखंड

स्वामी रामदेव ने किया पंतजलि वैलनेस सेंटर का लोकार्पण

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

हरिद्वार। स्वामी रामदेव महाराज ने पतंजलि योगपीठ-2 में बनाए गए पतंजलि वैलनेस सेंटर का लोकापर्ण किया। लोकापर्ण के साथ ही पतंजलि वैलनेस सेंटर में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन भी किया गया। शिविर में स्वामी रामदेव ने योग साधकों को योगासनों व प्राणायाम का अभ्यास कराया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि वैलनेस सेंटर दुनिया का सबसे बड़ा वैलनेस सेंटर है। उन्होंने कहा कि पतंजलि का उद्देश्य है कि संसार के सभी लोग स्वस्थ हों, निरोगी हों तथा योग, यज्ञ, आयुर्वेद, प्रातिक चिकित्सा अर्थात् हमारी मूल प्रति और मूल संस्ति से जुड़कर अपनी सारी वितियों से मुक्ति पा सकें। यह एक ऐसी जीवन पद्घति है जिससे पूरा संसार पुन: उपत होगा और दोबारा अपने मूल, अपनी निजता व अपने स्वरूप से जुड़ेगा। सब स्वस्थ होंगे, अपने आत्मबोध को उपलब्ध होते हुए योग से अपना आत्मनिर्माण करते हुए निर्वाण के, पूर्णता के, मुक्ति के पथ पर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम ईश्वर के प्रति तज्ञ हैं कि उन्होंने हमें इस बड़े कार्य हेतु निमित्त बनाया। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद लोगों के मस्तिष्क पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, साथ ही अनेक साध्य-असाध्य रोगों लीवर सिरोसिस, किडनी के रोग, हृदयरोग, श्वास रोग, अर्थराइटिस, मधुमेह, मस्तिष्क विकार, पार्किंसन, वैरिकोज वेन, माइग्रेन, कमर दर्द, घुटनों का दर्द, सर्वाइकल स्पोंडोलाइटिस, सियाटिका, ओवेरियन सिस्ट, यूटीआई, कोलाइटिस, उदर रोग आदि ने पूरी मानवता को जकड़ लिया है। इन सभी रोगों का उपचार योग, यज्ञ, आयुर्वेद और प्रातिक चिकित्सा की संयुक्त इंटिग्रेटेड पैथी में ही संभव है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि वैलनेस में योग व यज्ञ चिकित्सा के साथ-साथ पंचकर्म में स्नेहन, स्वेदन, वमन, विरेचन, नस्य, शिरोधारा, अभ्यंग, रक्तमोक्षण, अक्षितर्पण के साथ रोगानुसार विविध बस्तियाँ यथा- कमर दर्द में कटि बस्ति व पूर्ण पृष्ठ बस्ति, सर्वाइकल में ग्रीवा बस्ति, घुटनों के दर्द में जानु बस्ति, हृदय रोग में हृदय बस्ति, श्वासगत रोग में लंग बस्ति, उदर रोग में उदर बस्ति आदि से चिकित्सा की जाती है। इसके अतिरिक्त प्रातिक चिकित्सा में अलाबु, एक्यूपंक्चर, मड थैरेपी, मिट्टी पट्टी, सन-बथ, जलनेति, सूत्रनेति, कपड़धौति, त्रटक, रंग चिकित्सा तथा विविध प्रकार के लेप आदि का प्रयोग किया जाता है। कार्यक्रम में पतंजलि वैलनेस की इंटिग्रेटेड पैथी के अन्तर्गत विविध थैरेपियों का मंच से लाइव प्रसारण किया गया। स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि यह प्रसारण मात्र सांकेतिक है, पूरी प्रक्रिया तो थैरेपी सेंटर में ही संभव है। पतंजलि वैलनेस सेंटर में 7 ब्लक हैं जिसमें 1 ब्लक महिलाओं हेतु थैरेपी सेंटर के रूप में संचालित है। इसके अतिरिक्त 6 ब्लक में लगभग 800 कक्ष हैं। जिनमें लगभग 1800 रोगियों के लिए चिकित्सा व्यवस्था है। पुरुषों हेतु पृथक थैरेपी सेंटर की व्यवस्था है। पतंजलि वैलनेस की ईकाइयाँ वेदालाइफ-ाषिकेश, मोदीनगर, कोलकाता, गुवाहाटी, योगग्राम तथा निरामयम् हरिद्वार के रूप में संचालित हैं। योगग्राम एवं निरामयम् में रोगियों की लम्बी प्रतीक्षासूची (वेटिंग लिस्ट) को ध्यान में रखते हुए इस वैलनेस सेंटर को प्रारंभ किया गया।
इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका साध्वी आचार्या देवप्रिया, क्रय समिति अध्यक्षा बहन अंशुल, संप्रेषण विभागाध्यक्षा बहन पारूल, मुख्य महाप्रबंधक ललित मोहन, मुख्य केन्द्रीय प्रभारीगण-पतंजलि योग समिति स्वामी परमार्थ देव एवं भाई राकेश, डाज़यदीप आर्य, अजय आर्य, स्वामी तीर्थदेव तथा विभिन्न राज्यों के राज्य प्रभारी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!