पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएं टम्टा का संघर्ष

Spread the love

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखंड में जातिवाद के खिलाफ आवाज बुंलंद करने वाले मुंशी हरिप्रसाद टम्टा की जयंती पर शैलशिल्पी विकास संगठन ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान संगठन ने टम्टा के संघर्ष को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग उठाई।
सिम्मलचौड़ स्थित कर्मवीर जयानंद भारती स्मृति पुस्तकालय में बैठक का आयोजन किया गया। कहा कि मुंशी हरिप्रसाद टम्टा को उत्तराखंड का अंबेडकर कहा जाता था। संगठन के संरक्षक धीरजधर बछवाण ने कहा कि मुंशी हरिप्रसाद टम्टा ने जातिवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी। प्रदेश अध्यक्ष विकास कुमार आर्य ने कहा कि ऐसे महान क्रांतिकारी का जीवन संघर्ष पाठयक्रमों में पढ़ाया जाना चाहिए। जिससे समाज को बेहतर राह मिल सकें। कहा कि हरिप्रसाद टम्टा ने कुमाऊं गढ़वाल में विकराल रूप से फैली जातीय असमानता के विरुद्ध मुहीम शुरू की थी। कहा कि सरकार को मुंशी हरिप्रसाद टम्टा के नाम से सरकारी योजनाएं चलानी चाहिए। इस मौके पर शिवकुमार, केसीराम निराला, जगदीश राठी, मनवर लाल भारती, कुंदीलाल आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *