पौड़ी जिले के शिक्षकों को मिला राष्ट्रीय गौरव शिक्षक सम्मान
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी: जनपद पौड़ी गढ़वाल के छ: शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारी कार्यों हेतु राष्ट्रीय गौरव शिक्षक सम्मान 2022 से नवाजा गया।यह सम्मान इन सभी शिक्षकों को शिक्षा में नवाचारी गतिविधियों और विद्यार्थियों को समय-समय पर प्रोत्साहित करने हेतु दिया गया।
राष्ट्रीय स्तर की संस्था टीम मंथन गुजरात- भारत द्वारा उमिया धाम,उंझा,महेसाणा,गुजरात में कार्यक्रम का आयोजिन किया गया था। जिसमें देश के 175 से अधिक नवाचारी शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। जनपद पौड़ी से सम्मानित होने वाले शिक्षकों में राजीव थपलियाल रा.प्रा. वि. मेरूडा,जसपाल असवाल रा. प्रा.वि.जलेथा,रवीन्द्र कुमार रा.आ.प्रा.वि. कोटा सभी जयहरीखाल,कमलेश बलूनी रा.प्रा वि. जसपुर कल्जीखाल,दिनेश सिंह बिष्ट रा. प्रा. वि. काण्डा रिखणीखाल एवं विनोद रावत राप्रा.वि.चुठाणी खिर्सू हैं। टीम मंथन गुजरात के राष्ट्रीय संयोजक शैलेश कुमार प्रजापति ने बताया कि, इन शिक्षकों के द्वारा विद्यालय में नवाचारी,सृजनशील एवं कर्तव्यनिष्ठ कार्यों को करने के लिए यह राष्ट्रीय स्तर का सम्मान प्रदान किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि समूचे भारतवर्ष से आए इन सभी शिक्षकों द्वारा अपने विद्यालय में शिक्षा में रचनात्मक नवाचारी कार्यों को सतत् रूप से किया जा रहा है। इनके उत्कृष्ट कार्यों के द्वारा विद्यालय का शैक्षणिक वातावरण समृद्ध हुआ है। ये सभी शिक्षक समय- समय पर अपने विद्यार्थियों में रचनात्मकता की अभिवृद्धि हेतु प्रयास करते रहते हैं। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भावेश पांडेय ने कहा किअगर शिक्षक अपनी तन्मयता से शिक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं तो अपको कभी न कभी सम्मान और पहचान जरूर मिलती है। हम सभी का लक्ष्य और जिम्मेदारी यह है कि हमारी सरकारी शिक्षा बेहतर से बेहतर हो। विशिष्ट अथिति श्रीमती उमा ड्यूनडी ने अपने संबोधन में कहा कि आज समाज में सरकारी शिक्षा और सरकारी स्कूलों के प्रति जो नकरात्मक सोच समाज में विकसित हो रही है। उसको नवाचारी शिक्षक दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। एक और विशिष्ट अतिथि चंदू भाई मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि इन शिक्षकों को ये सम्मान समाज में सरकारी शिक्षा को बेहतर करने के लिए दिया जा रहा है।प्रत्येक शिक्षक के पास शिक्षण का कोई न कोई नवाचारी आइडिया जरूर होता है। इस तरह के सम्मेलनों का उद्देश्य शिक्षकों के नवाचारी आइडिया को एक दूसरे से साझा करने और उसको अपने-अपने विद्यालयों में ले जाने के लिए भी है। अन्य विशिष्ट अतिथियों में अजय नायर,डॉ राजेन्द्र जानी,मनोज पंवार, सुरेश राणा, ऊषा रानी मौजूद रही।