उत्तराखंड

शिक्षक संघ ने प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती का विरोध किया

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देहरादून राजकीय शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने अपर सचिव को ज्ञापन सौंपकर प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों को वरिष्ठता के आधार पर भरने की मांग उठाई है। संघ ने प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती का विरोध करते हुए, आयोग को भेजा गया अधियाचन निरस्त करने की मांग उठाई है।संघ के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश पैन्यूली के नेतृत्व में बुधवार को अपर सचिव रंजना राजगुरु को लंबित मांगों को लेकर मांग पत्र सौंपा। संघ ने कहा है कि राजकीय इंटर कालेज और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पदोन्नति न होने के कारण लम्बे समय से प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं, जिसके कारण विद्यालयों के संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रिक्त पद भरे जाने तक यहां वरिष्ठता के अनुसार वरिष्ठ प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों को जिम्मेदारी दी जाए। इसके लिए केन्द्रीय विद्यालयों की तर्ज पर प्रतिमाह मूल वेतन के दो प्रतिशत की दर से भुगतान किया जाए। संघ ने सहायक अध्यापक से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति भी तेजी से करने की मांग उठाई है। संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानाचार्य के पदों पर शत-प्रतिशत पदोन्नति की जानी चाहिए, इसके लिए सीधी भर्ती के लिए आयोग को भेजा गया अधियाचन निरस्त किया जाए। यदि सीधी भर्ती आवश्यक है तो इसमें एलटी शिक्षकों को सम्मिलित करते हुए अनुभव और उम्र की बाध्यता समाप्त की जाए। उन्होंने वन टाईम सेटलमेंट के आधार पर अंतर मंडलीय स्थानान्तरण के साथ ही एलटी संवर्ग को राज्य संवर्ग घोषित करने की मांग उठाई है। महामंत्री रमेश पैन्यूली ने कहा कि अधिक छात्र संख्या वाले राजकीय इंटर कालेजों में उप प्रधानाचार्य का पद भी सृजित किया जाना चाहिए, साथ ही शिक्षकों को स्वत: सत्रांत और स्थायीकरण का भी लाभ दिया जाए। उन्होंने पदोन्नति और स्थानांतरण पर अनिवार्य रूप से कांउसलिंग की व्यवस्था करने की मांग उठाई है। अध्यक्ष चौहान ने बताया कि अपर सचिव ने मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए, जल्द विस्तृत बैठक बुलाने का आश्वासन दिया है।

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