उत्तराखंड

काश्तकारों ने की भूमि के बदले भूमि की मांग

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नई टिहरी। पहले ही चार बार अलग-अलग उद्देश्यों को लेकर भूमि अधिग्रहण की जद में आ चुके कंडीसौड़ क्षेत्र के ग्रामीण स्थानीय काश्तकारों की भूमि एक बार फिर रेलवे स्टेशन के लिए अधिग्रहित किये जाने से काश्तकारों को भूमिहीन होने की स्थिति से बचाने को लेकर आप पार्टी के प्रदेश समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने डीएम को ज्ञापन सौंपा है। एडीएम के माध्यम से डीएम डा सौरभ गहरवार को सौंपे ज्ञापन में बिष्ट ने मांग कि है कि पवित्र धाम गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए डोईवाला से बनाए जाने वाली रेलवे लाइन के चलते कंडीसौड़ में भी स्टेशन बनाया जाना प्रस्तावित है। जिसके लिए स्थानीय ग्रामीणों की काश्त की भूमि अधिग्रहीत की जाने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो ग्रामीणों को भूमि के बदले भूमि दी जाय। ताकि स्थानीय काश्तकार भूमिहीन होने से बच सकें। डीएम को जानकारी देते हुए बिष्ट ने बताया कि कंडीसौड़ रेलवे स्टेशन के लिए ग्राम धरवाल गांव एवं ग्राम सुनार गांव के सभी परिवारों की 80 प्रतिशत भूमि को अधिग्रहण की जाने की प्रबल संभावना है। ऐसा होने की दशा में उक्त दोनों गांव के सभी परिवार पूरी तरह से भूमिहीन होने की स्थिति में आने वाले हैं।
देश की आजादी के बाद सबसे पहले इन गांव के काश्तकारों की जमीन वर्ष 1954 में टिहरी उत्तरकाशी मोटर मार्ग के लिए अधिग्रहण की गई। दूसरी बार 90 के दशक में हमारे इन गांव की भूमि चंबा धरासू मोटर मार्ग के लिए अधिग्रहण की गई। तीसरी बार फिर से 90 के दशक में ही इन गांव के सभी परिवारों की षि भूमि टिहरी बांध के जलाशय के लिए अधिग्रहण की गई। चौथी बार फिर से 2019 में चारधाम यात्रा मार्ग के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की गई। अब इन गांव की बची खुची जमीन को गंगोत्री-यमुनोत्री रेल मार्ग के प्रस्तावित कंडीसौड़ रेलवे स्टेशन तथा सरोट के निर्माण के लिए अधिग्रहण किया जा सकता है। जिससे स्थानीय काश्तकार भूमिहीन हो जायेंगे। इसलिए यदि ऐसा होता है, तो काश्तकारों को भूमि के बदले षि भूमि दी जाय।

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