मानसिक दिव्यांगता को दिखाती है थलीसैंण की घटना
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। थाना थलीसैण क्षेत्र के रोली गांव की घटना को महिला अधिकारी, जन प्रतिनिधि व जिला बाल कल्याण समिति ने मानसिक दिव्यांगता बताया है। महिला अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों का कहना है कि मानसिक विकृति के लोग इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
ऋतु खंडूड़ी, विधायक यमकेश्वर व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा ने कहा कि थलीसैण के रोली गांव में सामने आई घटना उत्तराखंड का संस्कार नहीं है। एक ओर हमारी बेटियां हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा से नित नई ऊंचाईयां छू रही हैं, दूसरी ओर ऐसी घटनाएं समाज को झकझोरने वाली है। बेटियां हमारा अभिमान है। भाजपा महिला मोर्चा ऐसी घटनाओं के प्रति जल्द ही जागरुकता अभियान चलाएगी।
प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति दून विवि उत्तराखंड ने कहा कि तीलू रौतेली, गौरा देवी, टिंचरी माई की धरती में लड़कियों के प्रति यह अमानवीय व्यवहार निदंनीय है। पहाड़ का समाज कभी भी महिलाओं के लिए असहिष्णु नहीं रहा फिर भी इक्वीसवीं सदी में यह हालात विचलित करते हैं। जिस समाज की महिलाओं ने पूरे विश्व को पर्यावरण का पाठ पढाया हो वहां बच्चियों को बोझ समझा जाय तो हमें सचेत हो जाना चाहिए।
एसएसपी पौड़ी पी. रेणुका देवी ने कहा कि थलीसैण के रोली गांव की घटना पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले में जल्द कड़ी कार्रवाई करेगी। जागरुकता का अभाव ऐसी घटनाओं का एक मुख्य कारण है। पुलिस की महिला सेल थलीसैण क्षेत्र के गांव-गांव जाकर जागरुकता अभियान भी चलाएगी। इंदु वशिष्ठ, अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति ने कहा कि बेटियों के प्रति समाज में आज भी मानसिक रुप से विकृतियां देखने को मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। बेटियों को पैदा होने के बाद फेंक देना पाप नहीं, बल्कि महापाप है।