चक्रव्यूह का मंचन देख दर्शकों की आंखें हुई नम
श्रीनगर गढ़वाल : बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले में चक्रव्यूह का मंचन देख दर्शकों की आंखें नम हो गई। प्रसिद्ध रंगकर्मी डा. राकेश भट्ट के निर्देशन में आयोजित चक्रव्यूह में वीर अभिमन्यु के चक्रव्यूह भेदने, दुर्योधन द्वारा छल पूर्वक उसके अस्त्र-शस्त्र रखवा लेने, सात महारथियों द्वारा उसे मारने का आकर्षक संजीव मंचन किया गया।
कलाकारों ने दुर्योधन की कुटिल चाल के चलते पांडवों के अर्जुन को युद्ध क्षेत्र से बाहर भेजकर कौरवों के सेनापति गुरु द्रोणाचार्य को उकसाकर पांडव वध का प्रण कराने के साथ चक्रव्यूह की रचना कराने का घटनाक्रम संजीव रूप से प्रस्तुत किया। अर्जुन के मौजूद न होने पर चक्रव्यूह भेदन के लिए माता सुभद्रा से आज्ञा लेकर युद्ध में जाना, व्यूह के सातों द्वारों पर मौजूद कौरव महारथियों को धूल चटाते हुए विजय पाना, चक्रव्यूह भेदन के बाद अभिमन्यु के साथ छल करके दुर्योधन ने गले लगाने की बात करते हुए कहा कि पुत्र यदि तू अपने अस्त्र-शस्त्र फेंककर मेरे गले लग जा तो कौरवों व पांडवों की कटुता हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी और युद्ध खत्म हो जाएगा। चाचा दुर्योधन की बात पर अभिमन्यु ने भरोसा किया और जैसे ही अपने शस्त्र छोड़े तभी चक्रव्यूह के सातों महारथियों ने उसे पकड़कर मार दिया। इस दृश्य को देखकर दर्शकों की आंखों में आंसू आ गए। (एजेंसी)