सरकार का बड़ा फैसला, नशा तस्करों को अब मिलेगा मृत्युदंड

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शिमला , नशे के खात्मे के लिए एक तरफ जहां पंजाब सरकार सख्त कदम उठा रही है तो वहीं दूसरी तरफ हिमाचल सरकार ने भी प्रदेश में नशा रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने नशा तस्करों को मृत्युदंड देने पर मुहर लगा दी है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने नशे की लत में फंसे लोगों के पुनर्वास के लिए दो विधेयक पारित कर दिए। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध निवारण एवं नियंत्रण विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसमें नशे के सौदागरों को न केवल आजीवन कारावास, बल्कि मृत्युदंड का भी प्रविधान किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में इसे सदन में पेश किया था।
जिसके बाद अब इस पर चर्चा की गई और पारित कर दिया गया। इसमें 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रविधान किया गया है। माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश ऐसा प्रविधान करने वाला पहला राज्य है।
विधेयक के अनुसार ऐसी दवाओं, जिनसे नशे की लत लग सकती है, के परिवहन, आपूर्ति तथा इन्हें रखने की स्थिति पकड़े जाने पर उक्त कानून के प्रविधानों के मुताबिक सजा मिलेगी। इसके अलावा अवैध खनन, वन्य जीवों की तस्करी, मानव तस्करी, झूठे दस्तावेजों के साथ कोई काम करना, मानव अंगों की तस्करी, खतरनाक पदार्थों की डंपिंग तथा बौद्धिक वस्तुओं की जालसाजी के मामले में भी हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध निवारण एवं नियंत्रण कानून के प्रविधानों के तहत सजा मिलेगी। संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य अथवा सिंडिकेट द्वारा हिंसा करने पर किसी की मृत्यु होने पर आजीवन कारावास अथवा मृत्यु दंड हो सकेगा। सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा नशे अथवा अन्य अवैध तरीकों से अर्जित संपत्ति की कुर्की होगी। सरकार इस संपत्ति को जब्त कर सकती है। सरकार ने शिक्षण संस्थानों के 500 मीटर के दायरे में तंबाकू अथवा अन्य नशीली दवाएं या पदार्थ बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। पहले 100 मीटर के दायरे में ही इस तरह के पदार्थ बेचने पर प्रतिबंध था। विधेयक के राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।

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