देश-विदेश

कोर्ट ने आतंकियों को सजा देते हुए की तल्ख टिप्पणी, कहा- देशद्रोह से बड़ा कोई अपराध नहीं

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्ली, एजेंसी। हिजबुल मुजाहिद्घ्दीन (एचएम) के चार आतंकियों को कारावास की सजा सुनाते हुए अदालत ने की तल्ख टिप्पणियां की है। पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रवीन सिंह ने माना कि निश्चित तौर पर आतंकियों को किसी भी प्रत्यक्ष आतंकी त्य के लिए दोषी ठहराया गया है, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ हो, लेकिन जम्मू-कश्मीर में दशकों से चल रहे छद्म युद्घ ने कई लोगों की जान ली है और राज्य की संपत्तियों का विनाश हुआ है।
अदालत ने कहा कि शाह एचएम का डिवीजनल कमांडर था। उसे देशद्रोह जैसे अपराध के लिए दोषी पाया गया है और देशद्रोह के अपराध से बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता है, जो सामाजिक व्यवस्था को प्रभावित करता हो। अदालत ने आतंकी फंडिंग को आतंक के रूप में स्पष्ट करते हुए कहा कि अदालत को लगता है कि वह हाथ जो बंदूक उपलब्ध कराते हैं या बंदूक उठाने के लिए प्रेरित हैं वे आखिरकार बंदूक चलाने वाले हाथ के समान ही उत्तरदायी होता है। अदालत ने कहा कि मुख्य रूप से आतंकी वित्तपोषण के लिए दोषी ठहराए गए दोषियों ने एचएम की गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराया था और उस धन का उपयोग संपत्ति के विनाश और मानव जीवन को नष्ट करने के लिए किया गया था। ऐसे में केवल इसलिए कि दोषी सीधे तौर पर लोगों की जान लेने व संपत्ति को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार नहीं है, यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि वे एचएम की आतंकवादी गतिविधियों के कारण जान गवाने वाले लोगों व संपत्तियों के नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
अदालत ने कहा कि उन्होंने पाया कि पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर फंडिंग नेटवर्क चलाने वाले दोषी एचएम द्वारा किए गए आतंकी त्यों के लिए ज्यादा जिम्मेदार हैं, क्योंकि इस तरह की फंडिंग के अभाव में आतंकवादी गतिविधियों को करना संभव नहीं होता। ऐसे में अदालत को लगता है कि आतंकी फंडिंग को भले ही हम उच्च श्रेणी में न रखें, लेकिन आतंकी त्य की वास्तविक श्रेणी में रखा जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि देश की नींव पर प्रहार करने का षड़यंत्र रचा था और षड़यंत्र को अंजाम देने का काम किया था।
अदालत ने आतंकवादी मुहम्मद सैफी शाह व मुजफ्फर अहमद डार को 12-12 साल कारावास की सजा सुनाई और तालिब लाली और मुश्ताक अहमद लोन को दस-दस साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही शाह पर 50 हजार रुपये, डार पर 65 हजार रुपये, लाली पर 55 हजार रुपये और लोन पर 45 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। चारों दोषियों को आतंकवादी त्य के लिए धन जुटाने, आतंकवादी त्य करने की साजिश रचने, आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने के अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया। इसके अलावा सभी को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के अलावा भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश रचने और भारत सरकार के खिलाफ युद्घ टेड़ने, या युद्घ टेड़ने का प्रयास, या युद्घ टेड़ने के लिए उकसाने के लिए भी दोषी ठहराया गया।
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) ने आरोप लगाया था कि एचएम नियमित रूप से भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पड़ोसी देशों से धन प्राप्त कर रहा था। जम्मू कश्मीर प्रभावित राहत ट्रस्ट (जेकेएआरटी) संगठन की आड़ में एचएम सक्रिय रूप से शामिल है और आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!