सस्ता गल्ला की दुकान में राशन लेने के लिए लग रही भीड़
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से लगाए 18 मई तक कोरोना कफ्र्यू की घोषणा कर दी है। इसका दुकानों में ना तो कोई खासा असर ही दिख रहा है और ना ही लोग सोशल डिस्टेंस का ही पालन कर रहे है। जबकि दोपहर 12 बजे के बाद ही लोग कोरोना कफ्र्यू का पालन करते हुए देखे जा रहे है। वहीं सुबह तो खुलेआम इसकी धज्जियां उड़ाई जा रही है। यह सब देखते हुए भी प्रशासन मौन है। सरकारी सस्ता गल्ला की दुकान में खुलेआम सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाई जा रही है, लेकिन कोई इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग सस्ता गल्ला की दुकानों में राशन लेने आ रहे है। राशन लेते समय सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं हो रहा है।
जिला प्रशासन ने 26 अप्रैल से 10 मई तक कोरोना नगर निगम क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना कफ्र्यू लगाया था। अब प्रदेश सरकार ने राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 18 मई तक कोरोना कफ्र्यू की घोषणा की है। सरकार की ओर से केवल चिकित्सा सेवा, दूरसंचार सेवा, बैंकिंग, एटीएम सेवाएं, डेयरी व डेयरी से संबंधित प्रतिष्ठान, फल सब्जियों की दुकानें, दवा की दुकानें व सर्जिकल आईटम से संबंधित संस्थान, पेट्रोल पंप, एलपीजी गैस एजेंसी, पोस्ट ऑफिस, इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया को कोरोना कफ्र्यू से मुक्त रखा गया है। सरकार की ओर से कोरोना कफ्र्यू और सोशल डिस्टेंस का अनुपालन कराने को लेकर गाइड लाइन जारी की गई है, लेकिन कोटद्वार में इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। कोटद्वार में सरकारी सस्ता गल्ला की दुकानों में राशन लेने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग पहुंच रहे है। यह लोग सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे है। राशन लेने के लिए लगी लाइन में भी एक मीटर की दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है। जबकि कोरोना कफ्र्यू के दौरान सबसे ज्यादा जोर समाजिक दूरी यानि सोशल डिस्टेसिंग पर दिया जा रहा है, लेकिन सस्ता गल्ला की दुकानों में समाजिक दूरी की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही है। लोगों को समझाने के बाद भी एक-दूसरे के बिल्कुल पास पास खड़े और बैठे रहे हैं। कोरोना वायरस को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाने के लिए निर्देश दिये जाने के बावजूद पुलिस व प्रशासन इसका पालन कराने में पूरी तरह फेल नजर आ रहा है। सस्ता गल्ला की दुकानों सहित बाजार में भी दुकानों के बाहर लोगों की भीड़ देखती गयी। इन स्थानों पर लोग एक-दूसरे से काफी करीब होकर खडे़ व बैठे दिखे। अगर इसी तरह लापरवाही बरती जाती रही, तो खतरा बढ़ सकता है।
सामाजिक दूरी इस वक्त की सबसे बड़ी मजबूरी
वैसे तो मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, लेकिन यह विडंबना ही है कि इस समय सामाजिक प्राणी को सामाजिक दूरी बनानी बनानी पड़ रही है। यह सामाजिक दूरी जिसे आप अंग्रेजी में सोशल डिस्टेंसिंग कहते हैं, इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है। कोरोना वायरस की महामारी जिस तरह तेजी से देश में फैल रही है, उसको देखते हुए हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग बना कर रखे। भारत जैसे दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है। क्योंकि जितना ज्यादा जनसंख्या घनत्व क्षेत्र को होगा, वहां कोरोना वायरस के फैलने की आशंका उतनी ज्यादा होगी। डॉक्टरों का भी मानना है कि कोरोना वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका सामाजिक दूरी बनाकर रखना है।