उत्तराखंड

नम आंखों से भक्तों ने विदा की मां नंदा देवी

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रुद्रप्रयाग। तुंगेश्वर घाटी के टूरिस्ट विलेज सारी में एक दिवसीय नंदा मेला पौराणिक जागरों, बग्डवाल नृत्य, भक्तों की जयकारों के साथ संपन्न हो गया। इस दौरान गांव की महिलाओं, धियाणियों, ग्रामीणों ने भरी आंखों के साथ मां नंदा को अपनी बेटी की तरह गांव से ससुराल (मक्कूमठ) को विदा किया। विदाई के इस भावुक क्षण को देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें भर आई। ससुराल जाते हुए मां ने भी ग्रामीणों को सुख -समृद्घि का आशीर्वाद दिया। पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी मां नंदा की भोग मूर्ति को नवरात्र की अष्टमी को मक्कूमठ स्थित मंदिर से बाहर निकाला गया। इसके बाद मां नंदा कांडा, हुड्डू, उषाडा और दैडा होते हुए सोमवार शाम को अपने मामामैती गांव सारी पहुंची। मंलवार को नंदा मेला स्थानीय जागरों, बग्डवाल नृत्य एवं जयकारों से संपन्न हुआ। मेले के बाद रात को गांव में भ्रमण एवं विश्राम कर मां ने भक्तों को अपना आशीर्वाद दिया। बुधवार को पूर्व विधि-विधानानुसार ग्रामीणों व धियाणियों ने मां नंदादेवी की भोग मूर्ति को वाद्य यंत्रो की धुनों के साथ गांव से दूर तक चलकर मक्कूमठ के लिए विदा किया। नंदा को विदा करते समय महिलाओं और ध्याणियों की आंखों से अवरिल अश्रुओं की धारा बहनें लगी। कई ध्याणी तो फफक कर रोने लगे। इस मौके पर पूर्व प्रधान विक्रम सिंह, सरपंच भगत सिंह, पूर्व सरपंच मुरली सिंह, ईको विकास समिति अध्यक्ष मनोज सिंह, अध्यक्ष ममंद मंजू देवी, अध्यक्ष युमंद धर्मेंद्र भट्ट, कोषाध्यक्ष रघुवीर सिंह नेगी, प्रधान मनोरमा देवी समेत ग्रामीण मौजूद थे।

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