उत्तराखंड

उद्यान विभाग की महिला अफसर से अभद्रता का आरोप, मुकदमे में कार्रवाई की मांग लेकर पहुंचीं हाईकोर्ट

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नैनीताल । हाई कोर्ट ने बागवानी मिशन राजकीय उद्यान सर्किट हाउस देहरादून की समन्वयक कार्यालय निदेशक डॉ़ सुरभि पांडे की याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने एसएसपी देहरादून की मानीटरिंग में जांच के निर्देश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी। कोर्ट ने कहा कि एसएसपी चाहें तो विवेचक बदल भी सकते हैं।
दरअसल, डॉ़ सुरभि पांडे की ओर से आरटीआइ कार्यकर्ता दीपक करगेती के विरूद्घ 31 अगस्त को मुकदमा दर्ज कराया गया था। महिला आयोग व अन्य को भी कार्रवाई का अनुराध करते हुए पत्र भेजा गया था। आरोप है कि 31 अगस्त को कार्यालय निदेशक बागबानी मिशन राजकीय उद्यान सर्किट हाउस देहरादून में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सुनवाई के दौरान दीपक उपस्थित थे। उस दौरान दीपक ने उनके साथ अभद्रता की।
ड़ा सुरभि पांडे ने पत्र के माध्यम से बताया कि अपीलीय सुनवाई के दौरान करगेती ने अभद्रता की, जिस कारण उनको मानसिक वेदना हुई। डॉ़ सुरभि ने जैसे-तैसे बचाव किया, लेकिन दीपक ने फिर भी हाथापायी का प्रयास किया। डॉ़ सुरभि की तरफ से देहरादून में दीपक के विरुद्घ मुकदमा दर्ज किया गया था।
उधर, आरटीआइ कार्यकर्ता दीपक ने खुद पर लगाए आरोपों से इनकार किया है। साथ ही कहा कि निदेशक उद्यान ने उसके विरुद्घ साजिश रची है। उन्होंने देहरादून कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए वाद दायर किया है। इस मुकदमे में कार्रवाई नहीं होने पर डा सुरभि ने उच्च न्यायालय की शरण ली।
सोमवार को न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद एसएसपी देहरादून को अपनी मानिटरिंग में जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही कहा है किए एसएसपी चाहें तो विवेचक भी बदल सकते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस मामले में कुछ नहीं कर रही है। कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया है।

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