उत्तराखंड

हास्य कवि सम्मेलन में नेताओं पर कसे तंज

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नई टिहरी। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड कोटेश्वर में राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हास्य धारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में कवियों ने अपनी कविताओं से नेताओं पर कई तंज कसे। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड कोटेश्वर में एक हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि टिहरी काम्लेक्स के ईडी यूके सक्सेना ने किया। कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात कवि चिराग जैन ने हास्य कविताओं से शुरुआत की। सर्वप्रथम कवियों के संयोजक और संचालक चिराग जैन ने सभी कवियों का परिचय उपस्थित जन समूह से कराया। कवि सम्मेलन की शुरुआत मनीषा शुक्ला ने सरस्वती वंदना से की। इसके पश्चात उन्होंने श्रृंगार रस की कविता से स्रोताओं को भाव विभोर इस तरह से किया प्रीत से जगी ए बावरी हो गई, इक कसौटी को टूकर खरी हो गई। एक सूखे बांस का अंश थी, ष्ण ने जब टुआ ए बांसुरी हो गई। चिराग जैन ने प्रस्तुति पेश कीश्गमों का दौर है आफत में जान है लेकिन ए कुछ ऐसा रंग चढ़े और हो जाय, फिर एक बार उत्सवों पे नूर आया है ए फिर एक बार ठहाकों का दौर हो जाय। हेमंत पांडे ने नेताओं पर चुटकी लेते हुए कहा एक नेता जी जिन्द्गी से उब गए, बिना बताये गंगा जी में डूब गए, जहां होनी थी पूजा वहां रैली हो गई, तभी से राम तेरी गंगा मैली हो गई। कवि गोविंद राठी और शंभू शिखर ने भी अपनी हास्य कविताओं से हंसाने का काम किया। इस हास्य धारा में कवियों द्वारा स्रोताओं का भरपूर मनोरंजन करते हुए समाज में व्याप्त बुराइयों पर तंज कसे एवं वर्तमान में नेताओं एवं राजनीतिज्ञों की तिकड़ी के मोहजाल से बचने की हिमाकत की। इस मौके पर टीएचडीसी के अधिकारियों में अभिषेक गौड़, ईडी एलपी जोशी, एके घिल्डियाल, आरआर सेमवाल, एमके सिंह, डा एएन त्रिपाठी, आरडी ममगाई आदि मौजूद रहे।

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