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गाजा पट्टी की जनता गरीबी-भुखमरी की शिकार, हमास चलाने वाले आतंकी विदेश में जी रहे आलीशान जिंदगी

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नई दिल्ली, एजेंसी। इस्राइल और हमास के बीच लड़ाई जारी है। इस्राइली सेना हमास के आतंकी ठिकानों को जड़ से मिटाने के लिए गाजा पट्टी में जमीनी हमले की तैयारी कर रही है। 7 अक्तूबर को इस्राइल पर घातक हमले के बाद से यह हमास चर्चा में है। इस जंग के बीच हमास और उससे जुड़े लोगों को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच, द संडे टाइम्स की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि वेस्ट बैंक में ऑपरेशन चलाने वाला हमास आतंकी मुहम्मद कासिम सवाल्हा ब्रिटेन में सरकार से जुड़े आलीशान बंगले में ठाठ-बाठ वाली जिंदगी जी रहा है। इससे पहले आतंकी संगठन के मुखिया इस्माइल हनिया से जुड़ी बातें सामने आई थीं।
ऐसे में सवाल उठता है कि मुहम्मद कासिम सवाल्हा को लेकर क्या-क्या खुलासा हुआ है? खुलासे पर ब्रिटिश अधिकारियों ने क्या प्रतिक्रिया दी है? आखिर है कौन मुहम्मद कासिम सवाल्हा? इस्माइल हनिया को लेकर क्या जानकारी आई थी? इस्माइल हनिया कौन है? आइए जानते हैं…
ब्रिटिश अखबार द संडे टाइम्स ने हमास आतंकी सवाल्हा को लेकर बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सवाल्हा लंदन के बार्नेट में एक आलीशान बंगले में रह रहा है जिसकी फंडिंग सरकार की योजना से हुई है। अहम बात यह है कि पूरी ब्रिटिश यहूदी आबादी का 20 फीसदी बार्नेट में ही निवास करती है।
सवाल्हा ने हाल ही में 3.24 करोड़ रुपये की बार्नेट काउंसिल की संपत्ति खरीदी। जानकारी के अनुसार, इस संपत्ति को खरीदने में सवाल्हा को ब्रिटेन की राइट-टू-बाय योजना के तहत 1.13 करोड़ रुपये की छूट दी गई। दो मंजिला बंगले के साथ यहां एक बगीचा और एक गैरेज भी है। सवाल्हा पत्नी सावन के साथ इस विशाल बंगले में रहता है।
यह पहली बार नहीं है जब सवाल्हा को लेकर खुलासे हुए हों। इससे पहले ब्रिटेन में इस्राइल से जुड़े वकीलों ने 2020 में सवाल्हा की पृष्ठभूमि की जानकारी आतंकवाद विरोधी पुलिस को दी थी। अब, इस बात की जांच शुरू की जा रही है कि क्या सवाल्हा ने प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है।
अखबार के खुलासे के बाद ब्रिटिश अधिकारियों ने पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है। परिषद के नेता बैरी रॉलिंग्स ने कहा, ‘वह यह सोचकर भयभीत थे कि सवाल्हा हमारे बीच में रह सकता है’। रॉलिंग्स ने कहा कि उन्होंने एक समीक्षा शुरू की है। रॉलिंग्स ने आश्वासन दिया कि इस मामले के पूरे इतिहास की समीक्षा करने के लिए पुलिस और सरकार सहित अन्य हितधारकों के साथ संपर्क किया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी। परिषद के नेता ने कहा, ‘यह ऐसे समय में सामने आया है जब मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष के बाद स्थानीय समुदायों को आश्वासन की सख्त जरूरत है और परिषद के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि हम वह आश्वासन दे सकें।’ आतंकवादी सवाल्हा 1990 के दशक में एक रिश्तेदार के पासपोर्ट का इस्तेमाल करके ब्रिटेन में दाखिल हुआ था। तब से सवाल्हा खुद के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का दावा करता आया है। वहीं, हमास की बात करें तो यह ब्रिटेन में एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है। लिहाजा हमास का समर्थन करने पर सवाल्हा को आतंकवाद अधिनियम के तहत 14 साल की जेल की सजा हो सकती है। मुहम्मद कासिम सवाल्हा हमास से जुड़ा हुआ है। सवाल्हा वेस्ट बैंक में समूह के आतंकवादी अभियान में लिप्त था और इसके सत्तारुढ़ निकाय में भी काम करता था। इसे भगोड़ा घोषित किया गया है।
सवाल्हा एक रिश्तेदार के पासपोर्ट के जरिए इस्राइली सुरक्षा एजेंसियों से बचकर ब्रिटेन भाग गया था। 1980 के दशक के अंत में वेस्ट बैंक में आतंक फैलाने में हमास की मदद करने के बाद वह इस्राइली से भाग गया और 1990 के दशक की शुरुआत में जॉर्डन से ब्रिटेन आ गया। आतंकी गतिविधियों के बावजूद सावल्हा को 2000 के दशक की शुरुआत में ब्रिटेन में नागरिकता मिल गई। बाद में सवाल्हा ने ब्रिटेन से ही हमास के लिए काम करना जारी रखा। इस्राइली रक्षा मंत्रालय ने सवाल्हा को आधिकारिक तौर पर हमास सदस्य के रूप में नामित किया है और अगर वह देश लौटता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके अलावा, अमेरिकी न्याय विभाग ने भी सवाल्हा के खिलाफ अभियोग तय किए हैं। न्याय विभाग ने हमास आतंकी के खिलाफ इस्राइल में आतंकवादी कृत्यों को पुनर्जीवित करने का आरोप लगाया है। वर्तमान में आतंकी संगठन हमास की कमान इस्माइल हनिया के हाथों में है। 2018 में हनिया को अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा आतंकवादी नामित किया गया था। सवाल्हा की तरह हनिया भी विदेश में बैठकर आतंकी संगठन को चला रहा है। जहां गाजा के आम लोग दाने-दाने को मोहताज हैं। वहीं, हमास प्रमुख और उसका परिवार कतर में ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहा है। 7 अक्तूबर को इस्राइल पर हमास के हमले के एक वीडियो वायरल हुआ हुआ जिसमें इस्माइल कतर की राजधानी दोहा में अपने शानदार कार्यालय में आतंकी हमले का समर्थन करता नजर आया। 2006 में फलस्तीन के आम चुनावों में हमास की जीत के बाद से ही संगठन में हनिया का दबदबा बढ़ने लगा। उसे गाजा पट्टी में फलस्तीनी प्राधिकरण का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। इस दौरान मिस्र से गाजा पट्टी में आयातित वस्तुओं पर लगाए गए भारी कर लगाकर हनिया ने अपनी संपत्ति कई गुना बढ़ा ली। 2014 में हमास द्वारा सभी व्यापार पर 20 प्रतिशत कर लगाए जाने की घोषणा की गई थी। एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि इन करों की वजह से हमास के 1,700 टॉप कमांडर करोड़पति बन गए।
2010 में हनिया ने शाती शरणार्थी शिविर के पास करीब 33 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी थी जिसे उसने अपने दामाद के नाम पर किया था। तब से हनिया ने गाजा पट्टी में कई अपार्टमेंट, विला और इमारतें खरीदी हैं, जो उसके बच्चों के नाम पर पंजीकृत हैं।
हनिया के कई बेटों की विदेश में लक्जरी नाइट क्लबों में शराब पीने की तस्वीरें भी सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, हनिया के बच्चों के पास जनरेटर हैं जिससे उत्पन्न होने वाली बिजली को वो अच्छी कीमत पर बेंचते हैं।

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