बिग ब्रेकिंग

कांग्रेस की सूची आधी रात में जारी होने के पीछे उत्तराखंड के दिग्गजों में प्रत्याशियों को लेकर असहमति बनी वजह

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

-दिग्गजों की सहमति को कांग्रेस हाईकमान ने निकाला ये हल, फिर हो पाई सूची जारी
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के दो दिन बीतने के बाद गत शनिवार देर रात को कांग्रेस ने आखिरकार प्रत्याशियों की पहली सूची घोषित की। पिछले लगभग 10 दिनों से कांग्रेस के तमाम दिग्गज दिल्ली में प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन कर रहे थे। लेकिन, इस मंथन का भी कोई फायदा नहीं हुआ। कांग्रेस की सूची के देर रात को जारी होने के पीछे भी यही कारण था कि उत्तराखंड के बड़े नेता प्रदेश की कई सीटों को लेकर एकमत नहीं हो पा रहे थे। देर शाम गतिरोध दूर करने के लिए कांग्रेस ने एक नई कमेटी बनाई, जिसमें केसी वेणुगोपाल व मुकुल वासनिक को शामिल किया गया। इसके बाद ही पहली सूची जारी हो पाई।
विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस होमवर्क करने के चाहे जितने दावे करे, लेकिन हकीकत यह है कि पार्टी में प्रत्याशी चयन के लिए बनाए गए तमाम कायदे-कानूनों पर वरिष्ठ नेता ही एकराय नहीं बना पाए। कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदेश के सभी बड़े नेताओं के साथ लगभग 10 दिनों से मंथन में जुटा रहा, लेकिन वे प्रत्याशियों के नाम तय नहीं कर सके। यह स्थिति तब है, जबकि तीन से पांच महीने पहले पार्टी ने चुनाव की धरातल पर तैयारियों के दावे किए थे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से पांच-पांच निर्वाचन क्षेत्रों में एक-एक पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए, जिन्होंने संभावित दावेदारों का ऑनलाइन और ऑफलाइन साक्षात्कार लेकर उनकी स्थिति का आकलन किया और हाईकमान को इससे अवगत कराया। कई पर्यवेक्षक ऐसे भी नियुक्त किए गए, जिन्होंने निर्वाचन क्षेत्र का भ्रमण कर मतदाताओं की नब्ज टटोल पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट दी।
माना जा रहा है कि कांग्रेस की गुटबाजी ही टिकट वितरण में सबसे बड़ा रोड़ा बनी। कई दौर की बैठकों के बाद भी जब शनिवार देर शाम तक उन सीटों पर नाम फाइनल नहीं हो पाए, जिन्हें लेकर एक राय नहीं बन पा रही थी। तो पार्टी हाईकमान ने राष्ट्रीय महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल व मुकुल वासनिक को शामिल करते हुए दो सदस्यीय समन्वय कमेटी गठित की। इसे पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं की राय लेने की जिम्मेदारी दी गई और फिर अपने निर्णय से हाईकमान हो अवगत कराने को कहा गया। हाईकमान इस बात से चिंतित नजर आया कि टिकट वितरण में उपजा विवाद कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं के मनोबल को भी प्रभावित कर रहा है। खासकर इसलिए भी क्योंकि भाजपा तीन दिन पहले ही अपने 59 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!