मॉक ड्रिल में दिखी खामियां ही खामियां: आपदा की सूचना मिलने पर भी नहीं बजा कंट्रोल रूम का सायरन
जिला प्रशासन की ओर से आयोजित किया गया था मॉक ड्रिल
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। सुबह साढे़ 10 बजे का समय है। इसी दौरान रांसी स्टेडियम के समीप भू-स्खलन की सूचना मिलती है। मौके पर मौजूद आपदा प्रबंधन तंत्र का कर्मी वायरलैस से इसकी सूचना कंट्रोल रूम को देता है। लेकिन वायरलेस सिस्टम में खामी के चलते एक ओर से आवाज ही नहीं आती है। जिससे सूचनाओं के आदान-प्रदान में काफी दिक्कत होती रही। हांलाकि कुछ देर बाद टीम मौके पर पहुंचती है, लेकिन राहत कार्य के दौरान कई अव्यवस्थाएं हावी रहती हैं। यह नाजारा है आपदा प्रबंधन की मॉक ड्रिल का। जो जिला प्रशासन की ओर से आयोजित किया गया था। अव्यवस्थाओं पर जिलाधिकारी ने खासी नाराजगी जताई।
बुधवार को जिला प्रशासन की ओर से आपदा प्रबंधन की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित किया गया। जिसके तहत कंट्रोल रूम को ननकोट के कच्चे मोटर मार्ग पर बादल फटने से कुछ आवासीय भवन, गोशाला तथा कुछ व्यक्तियों व मवेशियों के दबने की पहली सूचना मिली। मौके पर पहुंची आपदा प्रबंधन की टीम ने राहत कार्य शुरू किया। घटना के तत्काल बाद विद्युत आपूर्ति बंद कर दी गई। बाद में मलबे की खुदाई के दौरान तीन शव बरामद किए गए। दो घायल व्यक्तियों को भी मलबे से निकाला गया। घटना में कुछ मवेशी भी मारे गए। पूरे राहत कार्य के दौरान टीम व प्रशासन में आपसी सामंजस्य की कमी दिखी। वहीं कंट्रोल रूम को आपदा की दूसरी सूचना रांसी स्टेडियम में भू स्खलन की मिली। मौके पर पहुंची आपदा प्रबंधन की टीम ने राहत कार्य शुरू किया। लेकिन इस दौरान वायरलैस सिस्टम काम नहीं कर रहा था, यहीं नहीं समय पर क्रेन सहित अन्य उपकरण भी उपलब्ध नहीं हो पाए। घटना की सूचना मिलने पर आपदा प्रबंधन तंत्र का सायरन भी नहीं बजा। वहीं कंट्रोल रूम का लैंड लाइन फोन भी खराब पाया गया। जिससे राहत कार्य बेहतर ढंग से संचालित नहीं हो पाए। मॉक ड्रिल में पाई गई इन खामियों पर डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने अधिकारियों को कमियों में सुधार करने के सख्त निर्देश दिए।
मॉक ड्रिल को नहीं लिया गया गंभीरता से
संबंधित विभाग के अधिकारियों ने मॉक ड्रिल को गंभीरता से नहीं लिया। मॉक ड्रिल स्थल पर मूलभूत सुविधाएं भी नहीं जुटाई गई थी। जिससे पूरा मॉक ड्रिल मजाक बन कर रहा गया।