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मानसून मॉक ड्रिल: पौड़ी गढ़वाल जिला मुख्यालय के समीप भूस्खलन में दबे वाहन के घायलों को दो घंट बाद किया एंबुलेंस से रवाना, दूसरी घटना में रास्ता भटका बचाव दल

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। 
पौड़ी गढ़वाल में मानसून मॉक ड्रिल के तहत बुधवार को आपदा की तीन घटनाएं हुई। जिनमें से एक घटना जिला मुख्यालय के समीप होने के बावजूद भूस्खलन में दबे वाहन के घायलों को एंबुलेंस से हॉस्टिपल भेजने में दो घंटे से अधिक लग गये। घटना की सूचना मिलने पर पहुंचे बचाव दल ने एंबुलेंस शामिल न होने के कारण ऐसा हुआ।
पहली घटना के अनुसार कॉलर सुनील कुमार द्वारा आपदा प्रबन्धन अधिकारी पौड़ी को सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर अपने व्यक्तिगत मोबाइल नम्बर से सूचना दी गई कि कंडोलिया के समीप रांसी मार्ग पर भूस्खलन हो गया है। सूचना प्राप्त होने पर तत्काल आईआरएस सिस्टम के अन्तर्गत स्टेजिंग एरिया कंडोलिया मैदान को तत्काल क्रियाशील किया गया। स्टेजिंग ऐरिया मैनेजर के रूप में उपजिलाधिकारी पौड़ी को नामित किया गया। उपजिलाधिकारी पौड़ी ने घटना के प्रबन्धन हेतु प्राप्त होने वाली राहत सामग्री/उपकरणों को स्टेजिंग एरिया में सुव्यवस्थित करते हुये घटना स्थल से प्राप्त होने वाली मांग के अनुसार राहत सामग्री घटना स्थल पर भेजी। घटना घटित की सूचना प्राप्त होते ही स्टेजिंग एरिया से तत्काल राहत बचाव दल सुबह 11 बजकर 12 मिनट पर घटना स्थल के लिए रवाना किया गया, किन्तु कंडोलिया के निकट मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण बचाव दल घटना स्थल के लिए पैदल चला जो कि सुबह साढ़े 11 बजे घटना स्थल पर पहुंचा एवं राहत कार्य आरम्भ किया गया। मोटर मार्ग खोले जाने के लिए तत्काल जेसीबी की मांग की गई। स्टेजिंग एरिया मैनेजर द्वारा तत्काल जेसीबी मशीन भिजवाते हुये सुबह पौन 12 बजे मोटर मार्ग यातायात हेतु खोला गया। सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर घटना स्थल से एम्बुलैंस की मांग की गई, स्टेजिंग एरिया से तत्काल मौके हेतु एम्बुलैंस रवाना की गई, जोकि दोपहर सवा 12 बजे घटना स्थल पर पहुंची। बचाव दल द्वारा दपेहर 1 बजकर 14 मिनट पर वाहन में सवार 2 व्यक्तियों को रेस्क्यू कर निकाला गया, रेस्क्यू कर निकाले गये व्यक्तियों में 1 व्यक्ति सामान्य तथा 1 व्यक्ति गम्भीर घायल हुआ था। सामान्य घायल को मौके पर प्राथमिक उपचार दिया गया तथा गम्भीर घायल को मौके पर प्राथमिक उपचार देने के बाद उपचार हेतु जिल चिकित्सालय भेजते हुये रेस्क्यू कार्य समाप्त कर दिया गया।
दूसरी घटना के अनुसार कंडोलिया से लगभग 1-2 किमी0 आगे टेका रोड़ पर वाहन दुर्घटना से सम्बन्धित दर्शायी गई। सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त मार्ग पर वाहन संख्या-यूके012 टीए-0945 अनियन्त्रित होकर लगभग 100 मीटर गहरी खाई में गिर गया है, जिसमें कि 2 व्यक्ति मृतक एवं 3 व्यक्ति घायल बताये जा रहे है। सूचना प्राप्त होने पर पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा घटना स्थल हेतु बचाव दल भेजे जाने हेतु अवगत कराया गया। स्टेजिंग एरिया मैनेजर द्वारा तत्काल घटना स्थल हेतु सुबह साढ़े 11 बजे राहत बाचाव टीम भेजी गयी जोकि सुबह पौने 12 बजे घटना स्थल पर पहुंची एवं राहत बचाव कार्य प्रारम्भ किया गया। घटना स्थल में मौजूद व्यक्तियों के द्वारा दुर्गघटनाग्रस्त वाहन में 2 व्यक्तियों के सवार होने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर एम्बुलैंस की मांग की गई जोकि स्टेजिंक एरिया द्वारा तत्काल घटना स्थल हेतु भेजी गई, जोकि दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर पहुंची। राहत बचाव दल द्वारा दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर 2 व्यक्तियों को रेस्क्यू कर निकालते हुये रेस्क्यू कार्य समाप्त किया गया। वाहन में सावार 2 व्यक्तियों में से 1 व्यक्ति सामान्य रूप से घायल हुआ था जिसे कि घटना स्थल पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया तथा 1 व्यक्ति जो कि गम्भीर रूप से घायल था उसे मौके पर प्राथमिक उपचार प्रदान करते हुये एम्बुलैंस के माध्यम से जिला अस्पताल पौड़ी भेजा गया।

तीसरी घटना के अनुसार ग्राम ननकोट के कच्चे मोटर मार्ग पर गांव से लगभग 50 मीटर आगे बादल फटने की घटना दर्शायी गई। पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा अवगत कराया गया कि सुबह सवा 11 बजे ग्राम ननकोट से 50 मीटर पहले कच्चे मोटर मार्ग पर बादल फट गया है स्टेजिंग एरिया मैनेजर द्वारा सुबह 11 बजकर 36 मिनट पर घटना स्थल हेतु राहत बचाव दल रवाना किया गया। घटना स्थल के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट न होने के कारण राहत बचाव दल घटना स्थल से पृथक मार्ग पर चला गया, जिसके सम्बन्ध में आपदा परिचालन केन्द्र द्वारा डीसीआर पौड़ी के माध्यम से सम्बन्धित टीम को घटना स्थल की लोकेशन उपलब्ध करायी गई, जिसके उपरान्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट पर टीम घटना स्थल पर पहुंची। टीम द्वारा अवगत कराया गया कि घटना स्थल पर 3 भवन, एवं 1 गौशाला क्षतिग्रस्त होने तथा 4 मवेशियों के दबने की आशंका एवं क्षतिग्रस्त भवनों में 5-7 व्यक्तियों के दबे होने की सम्भावना व्यक्त की गई। सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर मेडिकल टीम घटना स्थल पर पहुंची एवं उपचार सम्बन्धी कार्य प्रारम्भ किया गया। सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर घटना स्थल से 1 एम्बुलैंस की मांग की गई जिसे स्टेजिंग एरिया द्वारा सुबह 11 बजकर 54 मिनट पर रवाना किया गया जोकि मात्र 3 मिनट में घटना स्थल पर पहुंची। साथ ही घटना स्थल से सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर 2 गैंती, 3 फावड़े, 3 स्ट्रेचर एवं रेस्क्यू टीम हेतु पानी की बोतलों की मांग की गई जो कि स्टेजिंग एरिया द्वार तत्काल घटना स्थल हेतु भेजे गये। दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर क्षतिग्रस्त विद्युत लाईन काटी गई। दोपहर 12 बजकर 26 मिनट पर घटना स्थल से 1 बॉड़ी प्राप्त की गई तथा समय दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर रैस्क्यू के दौरान 2 बैल, 1 दुधारू गाय एवं 1 बछड़ा मृत पाये गये। दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर क्षतिग्रस्त भवनों में मलवे की खुदाई के दौरान 2 बॉडी बरामद की गई। मृतकों के सम्बन्ध में सम्बन्धित तहसीलदार/थानाध्यक्ष द्वारा पंचायतनामा/पोस्टमार्टम की कार्यवाही की गई। उक्त घटना में 2 व्यक्ति घायल भी हुये जिन्हें कि एम्बुलैंस की मदद से उपचार हेतु जिला चिकित्सालय पौड़ी भेजा गया। दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर रेस्क्यू समाप्ति की घोषणा की गई। दोपहर सवा एक बजे समस्त रेस्क्यू टीमें स्टेजिंग एरिया कण्डोलिया मैदान में वापस पहुंची।

पूर्वाभ्यास से पहले जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी. रेणुका देवी ने स्टेजिंग एरिया को निरीक्षण कर मौजूद उपकरण की जानकारी ली। डन्होंने मॉक ड्रिल के लिए तैयार टीम के तीनों इंसीडेन्ट कमाण्डर से राहत एवं बचाव के कार्यो के बारे में जानकारी लेते हुए उन्हे कार्य संपादन के महत्वपूर्ण टिप्स दिये। इसके बाद जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, प्रभागीय वनाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं जिला सूचना अधिकारी आपदा परिचाल कंट्रोल रूम पौड़ी पहुंचे जहां उन्होंने स्पॉट से आने वाले सूचना एवं संपादित कार्यों के बारे में जानकारी ली। जबकि जिलाधिकारी ने राहत एवं बचाव कार्यां की समय-समय पर नवीनतम जानकारी लेते हुए, आवश्यक दिशा निर्देश दिये। वहीं स्टेजिंग एरिया को कमान अपर जिलाधिकारी ने संभालते हुए मॉकड्रिल कार्य को सफलता पूर्वक संपादित किया। इस अवसर पर डीएफओ मुकेश शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, अपर जिलाधिकारी डॉ. एस के बरनवाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज शर्मा, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, आपदा प्रबंधन अधिकारी दिपेश चन्द्र काला, डीपीआरओ एमएम खान, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक तोमर और उपजिलाधिकारी सदर श्याम सिंह राणा सहित अन्य विभागों अधिकारी कर्मचारी व तीनों टीम के इंसिडेट कमाण्डर सहित दल उपस्थित थे।

घटनास्थल पर पहुंचने के लिए इंसीडेंट कमांडर की जिम्मेदारी सबसे अहम
आपदाओं की घटना के समय मोबाइल के बजाए रेडियो सेट का उपयोग आवश्यक
पौड़ी।
 जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा के दृष्टिगत संवेदनशीलता बनी रहती है, जिसके क्रम में घटनाओं को लेकर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह है कि जिला प्रशासन के साथ विभिन्न विभागों की आपदा घटनाओं से निपटने के लिए कितनी तैयारी हैं। मॉकड्रिल के द्वारा यह पता आसानी से लगाया जा सकता है कि प्रशासन के पास कितने अधिकारी रिस्पांस अफसर के रूप में तैनात हैं। मैन पावर के साथ-साथ आपदा राहत कार्यों के बचाव के लिए उपकरण अपग्रेड हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि आज के मॉक ड्रिल में तैनात किए गए विभागों के टीम लीडर प्रशासन को जानकारी देंगे कि आपदा की घटनाओं से निपटने के लिए और किन-किन उपकरणों की आवश्यकता है। प्रशासन के पास कितने टीम लीडर है जो आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्य को आसानी से संपादित कर सकेंगे। उन्होने आवश्यक उपकरणों की सूची बनाकर अपर जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों में सबसे ज्याद परेशानी घटना स्थल तक पहुंचने में होती है। यही नहीं घटना स्थल तक पहुंचने के बाद राहत कार्य में जुटी टीम के सामने सबसे बड़ी समस्या वहां पर बुनियादी सुविधाओं को जुटाना है। जिसमें सबसे अधिक समय लगता है। उन्होंने कहा कि आपदाओं की घटना के समय मोबाइल फोन के बजाए रेडियो सेट का उपयोग किया जाना आवश्यक है। टीम लीडर अपनी-अपनी टीमों का पहचान करने के लिए ड्रेस कोड का आवश्यक रूप से इस्तेमाल करें। जिलाधिकारी ने कहा कि राहत बचाव टीम को आई कार्ड और उसमें उस व्यक्ति की जिम्मेदारी अवश्य अंकित की जानी चाहिए। राहत और बचाव कार्य में तैनात अधिकारियों को जिम्मेदारी के अनुसार ही उन्हें घटनास्थल पर तैनात किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर पहुंचने के लिए इंसीडेंट कमांडर की जिम्मेदारी सबसे अहम है। घटनास्थल पर कितने लोगों की आवश्यकता है इसी के अनुसार टीम का गठन किया जाना चाहिए। इंसिडेंट कमांडर को घटनास्थल पर पहुंचकर जरूरी उपकरणों के साथ मैन पावर की जरूरत के अनुसार ही टीम का बैकअप तैयार किया जाना चाहिए। तभी राहत और बचाव कार्य के लिए संचालित अभियान सफल हो पाएगा। उन्होंने राहत और बचाव टीमों के साथ एक-एक दक्ष कार्मिक को डॉक्यूमेंटेशन के लिए रखने के भी निर्देश दिए।

ग्राम पंचायत में तैयार होगा आपदा राहत व बचाव उपकरणों का डिपो
राहत और बचाव कार्यों में आपसी समन्वय का होना जरूरी
पौड़ी।
जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने नगर पालिका, वन विभाग, राजस्व, ग्राम पंचायत व पंचायत राज विभाग को हर ग्राम पंचायत में आपदा के राहत व बचाव उपकरणों के लिए एक डिपो तैयार करने के निर्देश। जिसमें गैंती, फावड़ा, स्टे्रचर, टैंट लाइट, टॉर्च आदि उपकरण होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की मॉक ड्रिल में बेहतरीन कार्य करने वाले कर्मचारियों को दूसरी मॉक ड्रिल में और अधिक बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने अपर जिलाधिकारी को जनपद में सभी इंसिडेंट कमांडरों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए। जिससे योग्य और कुशल अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों के लिए इंसीडेंट कमांडर के तौर पर चयनित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद के पुलिस विभाग के क्षेत्राधिकारी, निरीक्षक व उपनिरीक्षक, तहसीलदार, ईई व एई लोनिवि समेत आदि विभागों के अधिकारियों को इंसिडेंट कमांडर के रूप में तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूसरी मॉक ड्रिल में लैंसडौन के आर्मी जवानों को भी शामिल किया जाएगा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी. रेणुका देवी ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों में आपसी समन्वय का होना जरूरी है। जिससे टीम भावना के साथ सौंपे गए दायित्व को सफलता से हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल आपदा की घटनाओं में राहत और बचाव कार्यों को और अधिक सुगमता से करने के लिए किया जाता है। इसी के तहत जरूरी उपकरणों और मेन पावर की भली-भांति परीक्षा भी होती है। मॉक ड्रिल के माध्यम से अपनी कमियों को भी दूर करने अवसर भी मिलता है। उन्होंने कहा कि बचाव दल को सर्वप्रथम घटनास्थल पर पहुंचना और ग्रामीणों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में मिलजुल कर कार्य करना भी मॉकड्रिल का हिस्सा है।

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