राम को वनवास जाते देख भावुक हुए दर्शक
बाल रामलीला कमेटी की ओर से आयोजित रामलीला का छठवां दिन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। श्री बाल रामलीला कमेटी के तत्वाधान में चल रही रामलीला मंचन के छठवें दिन केकई के वरदान मांगने और राम के वन जाने के दृश्य का मंचन किया गया। राम के वन जाने के दृश्य को देखकर दर्शकों की आँखे नम हो गई।
सिद्धबली मार्ग स्थित मंच में चल रही रामलीला मंचन का शुभारंभ व्यापार मंडल के पूर्व जिलाध्यक्ष सेवक मानूजा और नगर महामंत्री लाजपतराय भाटिया ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जवलित कर किया। मंथरा द्वारा केकई को अपने जाल में फंसाने के बाद केकई राजा दशरथ से अपने पिछले दिए दो वरदान मांगती है, रोते तड़पते राजा दशरथ केकई को दोनों वरदान दे देते हैं और अयोध्या का राजा भरत को बना देते हैं तथा राम को 14 वर्ष का वनवास देते हैं। राम के साथ ही सीता और लक्ष्मण और सुमंत भी वन को जाते हैं, जहां उनकी भेंट जंगल के राजा निषादराज से होती है इसके बाद निषाद राज इन सभी को गंगा पार कराने के लिए केवट के पास ले जाते हैं और फिर केवट काफी मान मशक्कत के बाद सभी को गंगा पार करवाते है। सुमंत अयोध्या वापस लौट जाते है। इधर अयोध्या में रोते बिलखते दशरथ अपने प्राण त्याग देते हैं। इस अवसर पर कमेटी के अध्यक्ष ज्ञान सिंह नेगी, पंकज अग्रवाल, नितिन गुप्ता, विनय भाटिया, प्रदीप अग्रवाल, राजकुमार प्रजापति, बंटी सतीजा, अजय कश्यप, संजय शर्मा सहित भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।