उत्तराखंड

झील का जलस्तर बढ़ाना अपरिपक्व व षडयंत्र भरा फैसला : विक्रम सिंह नेगी

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नईटिहरी। टिहरी बांध की झील के जलस्तर को 830 मीटर तक बढ़ा दिये जाने की प्रदेश सरकार की अनुमति को प्रतापनगर के पूर्व विधायक व कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी ने अपरिपक्व व षडयंत्र भरा फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि झील का जलस्तर बढ़ाये जाने से हो रहे भूस्खलन के चलते बांध प्रभावितों की परेशानी बढ़ गई है। प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने झील के जलस्तर को बढ़ाये जाने पर आपत्ति जताते हुये कहा कि बांध प्रभावितों की समस्याओं का समाधान किये बगैर झील का जलस्तर बढ़ाने की अनुमति देना बांध प्रभावितों के साथ धोखा है। झील का जलस्तर बढ़ाये जाने से बांध के निकटस्थ गांव में पानी भरने व भूस्खलन की घटनायें होने लगी हैं, कोई भी सर्वे कर इस नुकसान का आंकलन नहीं कर रहा है। जिससे बांध प्रभावितों की समस्यायें बढ़ गई हैं। पूर्व विधायक ने कहा कि आज भी 415 परिवार विस्थापन के लिए शेष हैं, ऐसे में प्रचंड बहुमत की सरकार व टिहरी से 5 विधायक वाली सरकार ने बांध के जल स्तर को 830 मीटर करने की अनुमति बिना किसी सुनियोजित प्रक्रिया के चलते दे दी । जिसके चलते झील के निकटस्थ घरों के नीचे 3 से 10 मी तक पानी भर गया है, अब वह कैसे जीवन यापन करेंगे। झील किनारे के कई गांव में मकान जलस्तर बढ़ने से खतरे की जद में आ गये हैं। ऐसे में असुरक्षा की स्थिति बन गई है। प्रशासन का कोई भी व्यक्ति वहां जाकर ग्रामीणों की सुध नहीं ले पाया जो कि चिंताजनक है। चेतावनी देते हुये कहा कि तत्काल इन स्थानों का सर्वे किया जाए व जो मकान जल स्तर से 3 से 10 मीटर की दूरी पर हैं। उन का सर्वे कर विस्थापन की व्यवस्था की जाय। टीएचडीसी व पुर्नवास विभाग ने हमेशा ही बांध प्रभावितों से धोखा किया है, कभी भी समय पर मुवावजा नहीं दिया है।

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