संघ प्रमुख की सरकार को नसीहत, कामों पर नजर रखना जनता का काम, इन कामों पर थपथपाई पीठ
नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख ड़ मोहनराव भागवत नागपुर में विजय दशमी समारोह में शामिल हुए। रेशम बाग में विजयादशमी के मौके पर दशहरा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने अपने भाषण में कई मुद्दों पर केंद्र सरकार की जमकर तारीफ की। वहीं कई विषयों पर सरकार को तेजी से नीति बनाने की अपील भी की। लेकिन अपने भाषण में सरकार को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा, सरकार को उसके दायित्व से मुक्त करना मैं नहीं चाहता हूं। और हमें सरकार को मुक्त करना भी नहीं है। जनता का काम है कि सरकार के कामों पर नजर रखे। वे देखे की सरकार अपने दायित्व को ठीक से पूरा करती हैं कि नहीं।
मोहन भागवत ने कहा, भारत के बल में, शील में तथा जागतिक प्रतिष्ठा में वृद्घि का निरंतर क्रम देखकर हम सभी आनंदित हैं। सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाली नीतियों का अनुसरण का पुरस्कार शासन के द्वारा हो रहा है। विश्व के राष्ट्रों में अब भारत का महत्व और विश्वसनीयता बढ़ गई है। सुरक्षा क्षेत्र में हम आधिकारिक स्वावलंबी होते चले जा रहे हैं। आज कोरोना की विपदा से निकल कर हमारी अर्थव्यवस्था पहले जैसी स्थिति में पहुंच रही है।
भागवत ने कहा, आधुनिक भारत के आर्थिक, तकनीकी और सांस्तिक बुनियादी ढांचे का वर्णन नई दिल्ली के कर्तव्य-पथ से नजर आ रहा है। सरकार का यह कदम अभिनंदन योग्य है। परंतु इस दिशा में हम सभी को मन, वचन और कर्म से एक होकर चलना होगा। शासन, प्रशासन और नेता गण के साथ समाज अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही करेंगे तभी भारत तेजी से आत्मनिर्भर बन सकेगा।
संघ प्रमुख ने कहा, देश में मातृभाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने वाली नीति बननी चाहिए। नई शिक्षा नीति में सरकार और प्रशासन इस ओर ध्यान भी दे रहा है। नई शिक्षा नीति के कारण छात्र एक अच्छा मनुष्य बने, उसमें देशभक्ति की भावना जागे। वह सुसंस्त नागरिक बने यह सभी चाहते हैं। लेकिन घरों में संस्कारों का वातावरण बनाए रखने में जिम्मेदारी अभिभावकों की है।
अपने भाषण में भागवत ने कहा, विविध प्रकार की चिकित्सा पद्घतियां समन्वित कर स्वास्थ्य की सस्ती, उत्तम गुणवत्ता वाली सुलभ और व्यापारिक मानसिकता से मुक्त व्यवस्था देने वाला स्वास्थ्य तंत्र सरकार द्वारा खड़ा हो यह संघ का भी प्रस्ताव है। आज सरकार की प्रेरणा व समर्थन से व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर स्वच्छता और योग व्यायाम के उपक्रम चलाए जा रहे हैं। समाज में भी इन कामों को करने वाले और इन बातों का महत्व बताने वाले बहुत लोग हैं।
संघ प्रमुख ने कहा, देश में आर्थिक और विकास नीति रोजगार-उन्मुख हो यह अपेक्षा स्वाभाविक है। परंतु रोजगार केवल नौकरी से नहीं हो। हमें यह समझदारी समाज भी बढ़ानी पड़ेगी। कोई काम प्रतिष्ठा में छोटा या हल्का नहीं होता। परिश्रम, पूंजी तथा बौद्घिक श्रम सभी के महत्व समान है। उद्यमिता की ओर जाने वाली प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन देना होगा। आज सरकार भी स्टार्टअप और युवाओं को प्रोत्साहन देने के लिए कई नीतियां लाई है।