कोटद्वार-पौड़ी

महिलाओं को बौद्धिक व वैचारिक स्तर पर आगे ले जाने की जरूरत

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार और महिला उत्तरजन के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कविताओं के बहाने स्त्री विमर्श का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महिलाओं को बौद्धिक एवं वैचारिक स्तर पर आगे ले जाने पर जोर दिया गया।
महिला उत्तरजन कोटद्वार शाखा की संयोजक एवं हिंदी विभाग की विभाग प्रभारी डॉ. शोभा रावत ने कहा कि समूह के संस्थापक लोकेश नवानी व महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. जानकी पंवार के संरक्षण में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि इस मंच का उद्देश्य महिला सरोकारों पर वैचारिक, सैद्धांतिक विमर्श और धरातल पर काम करना है। कहा कि वैचारिक दृष्टि से समृद्ध स्त्री ही दुनिया में अपना स्थान बना सकती है। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ऐश्वर्या देवरानी, स्वाति कंडवाल, शाहिस्ता परवीन, स्वर्णिमा रिठवाल, प्रियंका यादव, पीयूष सुंद्रियाल, शीतल असवाल, आंचल, गुंजन, नर्मिता, मनीषा, सलोनी ने स्त्री चेतना पर कविताओं का पाठ किया। वहीं, हिंदी विभाग के प्राध्यापक दीक्षित कुमार ने महिला को अपने अधिकारों के प्रति सजग होने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन कर रही डॉ. सुमन कुकरेती ने स्त्री विमर्श के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य डॉ. महंत मौर्य ने समाज में स्त्री की यथास्थिति पर विचार प्रकट किए, साथ ही वनस्पति विज्ञान के प्रो. एमडी कुशवाहा ने स्वरचित कविता प्रस्तुत की। कार्यक्रम में डॉ. प्रवीन जोशी, डॉ. धनेंद्र डॉ. ऋचा जैन, डॉ. नीता भट्ट, डॉ. प्रियंका अग्रवाल, डॉ. प्रियम अग्रवाल, डॉ. सुनीता गुसाईं, डॉ. सोमेश, डॉ. भगवत रावत, डॉ. अमित गौड़, डॉ. अकेश चौहान, डॉ. हीरा आदि मौजूद रहे।

नाटक से दिया महिला सशक्तीकरण पर जोर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर समाजशास्त्र विभाग के छात्र-छात्राओं ने लघु नाटक प्रतियोगिता का आयोजन भी किया। जिसके माध्यम से महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया गया।
समाजशास्त्र विभाग प्रभारी डॉ. तनु मित्तल ने बताया कि एमए प्रथम सेम समाजशास्त्र और एमए तृतीय सेम समाजशास्त्र विषय के छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस मौके पर प्रभारी प्राचार्य डॉ. महन्थ मौर्य ने कहा कि जीवन में पढ़ाई के साथ-साथ इस प्रकार के कार्यक्रमों में भी प्रतिभाग करना चाहिए। विभाग प्रभारी समाजशास्त्र डॉ. तनु मित्तल ने कहा कि अपने विचारों को सभी के सामने व्यक्त करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अनुराग अग्रवाल, डॉ. अरुणिमा मिश्रा, डॉ. सुरेखा घिल्डियाल, डॉ. मुकेश रावत, डॉ. अंकेश चौहान, डॉ. कविता रानी, डॉ. हीरा सिंह बिष्ट, डॉ. प्रियम आदि मौजूद रहे। नाटक प्रतियोगिता में पूजा रावत, रानी रावत, तनुजा रावत, निकिता बिष्ट, कामिनी, संध्या, प्रीति, स्वाति, स्वेता, संजना, शुभम, मृदुल भट्ट, संतोषी, हिमानी, वैशाली, प्रियंका, शिवानी, मुस्कान, भगवती, अदिति, अंजू, नेहा भंडारी, पूनम, मीनाक्षी, रुचि, अनुराग, सौरभ, नितिन ने प्रतिभाग किया।

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