कोटद्वार-पौड़ी

काश्तकारों के लिए मुसीबत बने हाथी, बर्बाद कर रहे फसल

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गुरुवार रात दुगड्डा के ऐता व जुआ खिखराणा तोक में मचाया उत्पात
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : वन विभाग के लाख दावों के बाद भी आबादी में हाथियों की धमक थमने का नाम नहीं ले रही। आए दिन हाथियों का झुंड़ आबादी में पहुंचकर उत्पात मचा रहे हैं। गुरुवार रात हाथियों ने दुगड्डा ब्लॉक के ऐता व जुआ खिखराणा तोक गांव में ग्रामीणों की गेंहू की फसल चट कर दी। यहीं नहीं हाथियों ने ऐता में फेंसिंग लाइन को भी तोड़ दिया। ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथियों के आतंक से निजात दिलवाने की मांग की है।
गुरुवार रात करीब नौ बजे हाथी ऐता गांव में पहुंच गए थे। यहां करीब दो घंटे तक वह उत्पात मचाते रहे। ऐता के बाद जुआ खिखराणा तोक में पहुंचे हाथियों ने गेंहू की फसल चट कर दी। यही नहीं हाथियों ने ऐता में फेंसिंग लाइट भी तोड़ डाली। हाथी ने ग्रामीण बलवान सिंह, दीपक नेगी, विवेक, सतीश नेगी, बीना देवी के खेतों में खड़ी फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। रात करीब नौ बजे से 11 बजे तक हाथी ऐता गांव में ही टहलते रहे। सूचना के बाद वन कर्मी मौके पर पहुंचते इससे पहले ही हाथी जुआ खिखराणा गांव में पहुंच चुके थे। यहां उन्होंने मुन्नी देवी, गौरव बिष्ट सहित अन्य ग्रामीणों के खेतों में गेंहू की फसल चट कर दी। वहीं, भाबर क्षेत्र के झंडीचौड़ में भी देर रात हाथियों के एक झुंड आबादी में पहुंचा। हाथियों ने काश्तकारों की मेहनत से लगाई गई फसल को बर्बाद कर दिया। पूर्व पार्षद सुखपाल शाह ने बताया कि झंडीचौड़ में पिछले चार-पांच दिनों से लगातार हाथी आतंक मचा रहे हैं। क्षेत्र में हाथियों की धमक रोकने के लिए कई बार वन विभाग से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन, अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा फसल बर्बाद होने से काश्तकारों को भारी नुकसान हो रहा है।

बोनी पड़ी सुरक्षा दीवार
लालपानी सहित अन्य स्थानों पर हाथियों को रोकने के लिए बनाई गई सुरक्षा दीवार भी बोनी हो चुकी है। बरसात के बाद से सुरक्षा दीवार में जंगल की ओर से मिट्टी के टीले जमा हो चुके हैं। जिसे लांघकर हाथी आसानी से आबादी में पहुंच जाते हैं। वहीं, जंगल के आसपास रास्तों में लगाई गई स्ट्रीट लाइट भी खराब पड़ी हुई है। ऐसे में रात के समय आवाजाही करने वालों को खतरा बना रहता है।

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